धमतरी। प्रदेश के लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके उसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है. इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है. साथ ही प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लेस किया जा रहा है इसके अलावा अस्पतालो में आवश्यकता अनुसार डॉक्टरो की भी व्यवस्था की जा रही है.
इन सभी व्यवस्थाओ को दुरूस्त करने का जिम्मा प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के कंधो पर है. और मंत्री यह मानते भी है की प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर काम किया जा रहा है लेकिन मंत्री के इन दावो की पोल तो इस मामले से ही खुलती है की उनके गृह जिले का अस्पताल ही आज डॉक्टरों की कमी के चलते बीमार होता हो गया है.
मरीज गुलाब चंद,यशवंत साहू और पार्षद अनुराग मसीह कि माने तो इस अस्पताल में ना तो प्रयाप्त संख्या मे डॉक्टर है और ना ही जुरूरी सुविधायें. ओपीडी मे आये मरीजों को रोजना घंटो डाक्टरों का इंतजार करना पड़ता है और काई बार डॉक्टरों के ना आने के कारण इन मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ता है.
जब इस बारे में सीएचएमओ डी.एम.तुर्रे से बात कि गई तो उनका कहना था कि डॉक्टरों के ट्रांसफर का फैसला सरकार के द्वारा लिया गया है लेकिन इसके बाद रिक्त हुए पदो पर जल्द ही डॉक्टरो की नियुक्ति की जायेगी.
आपको बता दें कि जिला अस्पताल धमतरी में डॉक्टरों की कुल 32 पद स्वीकृत है लेकिन मौजूद समय में ट्रांसफर के चलते अब सिर्फ 18 डॉक्टर ही बचे है. उसमे से भी 6 डॉक्टर छुट्टी पर है. अस्पताल में रोजाना 400 मरीज ईलाज करवाने के लिए आते है जिनमें जिले सहित कोंडागांव,कांकेर और बालोद के लोग भी शामिल है. लेकिन उपचार के लिए अस्पताल पहुचने वाले इन मरीजों को बिना ईलाज के ही वापिस लौटना पड़ रहा है. ऐसे सवाल यह उठता है की जब यह हाल स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के गृह जिले का है तो प्रदेश के दूसरे अस्पतालों का क्या हाल होगा.