आशुतोष तिवारी. जगदलपुर. विकास के नाम पर पेड़ों की कटाई रोकने और पर्यावरण संरक्षित करने के लिए नगर निगम के द्वारा पेड़ शिफ्टिंग का कार्य कारगर साबित हो रहा है, प्रदेश के इकलौते बस्तर में शुरू हुए पेड़ शिफ्टिंग के कार्य में निगम को सफलता मिल रही है.

 दरअसल धरमपुरा इलाके में सड़क चौड़ीकरण के दौरान 72 पेड़ों की कटाई का फैसला इसी साल फरवरी माह में लिया गया था, शहर के पर्यावरण प्रेमियों ने कटाई को लेकर जन आंदोलन शुरू किया और इसका असर यह हुआ कि पेड़ों की शिफ्टिंग का निर्णय निगम प्रशासन को लेना पड़ा और फरवरी में इसकी प्रक्रिया शुरू की गई, वही पहले चरण में धरमपुरा सड़क के 72 पेड़ो में से 38 पेड़ो को दलपत सागर के किनारे शिफ्ट किया गया है और सभी शिफ्ट किए गए पेड़ों में हरियाली भी दिखने लगी है.

दरअसल छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में जगदलपुर पहला नगर निगम है जहां सड़क के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की शिफ्टिंग हो रही है, पेड़ों को एक जगह से दूसरी जगह पर लगाने का यह काम काफी कारगर साबित हो रहा है. सालों पुराने विशालकाय पेड़ों को मशीन और एक्सपर्ट की मदद से जड़ से उखाड़ कर शिफ्टिंग कर दूसरे जगह पर रोपा जा रहा है, वहीं कुल 72 पेड़ों को शिफ्ट किया जाना है और इनमें से 38 पेड़ दलपत सागर के किनारे शिफ्ट की गई है और खास बात यह है कि पेड़ों की शिफ्टिंग का प्रयोग सफल होता दिख रहा है. वही शहर के प्रकृति प्रेमी भी इस सफलता से खुश है और उनका कहना है कि इस तरह के प्रयास आगे भी होने चाहिए ताकि शहर में हरियाली बरकरार रहे. धरमपुरा रोड से पहले चरण में जिन पेड़ों की शिफ्टिंग हुई थी उनके बाद बचे हुए पेड़ों की शिफ्टिंग कालीपुर तालाब के किनारे की जा रही है.

इधर पेड़ों की शिफ्टिंग किए जाने से जहां पेड़ों की कटाई पर रोक लग गई है तो वहीं इस वजह से पर्यावरण को भी फायदा पहुंच रहा है. पेड़ों की शिफ्टिंग के लिए दिल्ली से आए विनिका हॉर्टिकल्चर लैंडस्केप कंपनी के कुल 7 सदस्य की टीम इस कार्य में लगी हुई है.