संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. छत्तीसगढ़ प्रदेश में सबसे पहले मुंगेली को खुले में शौच मुक्त ओडीएफ जिला घोषित किया गया था. इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री के हाथों जिला कलेक्टर और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवार्ड भी दिया गया. लेकिन ओडीएफ जिला मुंगेली की सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है.
ओडीएफ जिला मुंगेली अंतर्गत जनपद पंचायत लोरमी के सराईपतेरा गांव में एक बार फिर शौचालय निर्माण के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. ग्राम पंचायत में 527 शौचालय स्वीकृत हुए थे. जिनमें से सैकड़ों शौचालय आज भी सरपंच और सचिव के द्वारा बनवाए ही नहीं गए. साथ ही जो ठेके पद्धति से बनवाए गए हैं, उनमें से दर्जनभर ऐसे शौचालय हैं, जिसमें किसी के दरवाजे तो किसी के छत नहीं हैं. ऐसी स्थिति में गांव के लोग खुले में गांव से बाहर शौच जाने को मजबूर हैं.
मामले में ग्रामीण खड़ानंद कश्यप का कहना है गांव के सरपंच और सचिव द्वारा 344 शौचालय का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करके राशि भी आहरण कर लिया गया है. जो सरकार के ओडीएफ और स्वच्छता अभियान के पोल खोलते हुए नजर आ रही है. इसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जन समस्या निवारण शिविर सहित मुंगेली जनदर्शन में लगातार की गई है, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि गांव को फर्जी तरीके से ओडीए घोषित कर दिया गया है.
इस पूरे मामले को लेकर एसडीएम चित्रकांत ठाकुर से बात की गई तो उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लोरमी के माध्यम से संबंधित ग्राम पंचायत में जांच करवाने की बात कही.