दिल्ली. श्रीलंका में राजनीतिक उठापटक के बीच रविवार को हुए गोलीकांड के सिलसिले में निवर्तमान पेट्रोलियम मंत्री व क्रिकेट से राजनीति में आए अर्जुन रणतुंगा को गिरफ्तार कर लिया गया.
बर्खास्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे समर्थक रणतुंगा रविवार को जब अपने कार्यालय गए थे तब प्रधानमंत्री राजपक्षे समर्थकों ने विरोध किया था. इस दौरान रणतुंगा के सुरक्षाकर्मियों की फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी मारा गया था और दो घायल हुए थे. द्वीपीय देश के गहराते राजनीतिक विवाद में सोमवार को अमेरिका ने दखल दे दिया. कहा, संसद का सत्र आहूत कर बहुमत का अविलंब परीक्षण किया जाए. जबकि चीन ने पूरे विवाद को श्रीलंका का अंदरूनी मसला कहा है.
श्रीलंका मसले पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नौअर्ट ने कहा, हम राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन से मांग करते हैं कि वह अविलंब संसद सत्र आहूत कर बहुमत का परीक्षण करवाएं. इससे श्रीलंका के नागरिकों की आकांक्षाओं के अनुरूप सरकार कार्य कर सकेगी. अमेरिका ने सभी संबद्ध पक्षों और राजनीतिक दलों से संयम बरतने की अपील की है. उकसावे और हिंसा से दूर रहने की आवश्यकता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र ने भी श्रीलंका के राजनीतिक हालात पर चिंता जताई है. महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा है कि श्रीलंका में सरकार को लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए.
श्रीलंका में शुक्रवार को राष्ट्रपति सिरिसेन ने यूएनपी नेता रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त करते हुए पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी. एक अन्य घटनाक्रम में रणतुंगा के दफ्तर में प्रदर्शन और फायरिंग हो गई.