बीजेपी को उसके गढ़ में मात देने के लिए दिग्विजय सिंह ने दिन-रात एक कर दिया है. बुधवार को उन्होंने भोपाल में सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ 15 साल पहले दिए गए अपने बयान के लिए माफी मांगी है. उस वक्त दिग्विजय ने कहा था कि चुनाव सरकारी कर्मचारियों की मदद से नहीं जीता जाता है, दिग्गी राजा के इस बयान के बाद राज्य के सरकारी कर्मचारी उनसे नाराज हो गए थे और वे चुनाव हार गए.
भोपाल. लोकसभा चुनाव में बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले भोपाल सीट पर जीत दर्ज करने की कोशिशों में लगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने 15 साल पहले दिए अपने बयान के सॉरी बोला है. वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह ने कहा था कि चुनाव ‘साउंड मैनेजमेंट से जीता जाता है न कि सरकारी कर्मचारियों की मदद से.’ दिग्गी राजा के इस बयान के बाद सरकारी कर्मचारी उनसे नाराज हो गए थे.
भोपाल में सरकारी कर्मचारियों की संख्या को देखते हुए दिग्विजय ने उनसे माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 की भूल-चूक के लिए उन्हें माफ कर दें. बता दें कि अकेले भोपाल में करीब दो लाख कर्मचारी और पेंशनर रहते हैं. माना जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी वर्ष 2003 में उनकी हार के लिए एक बड़ी वजह थी. इसके बाद 15 साल तक राज्य में बीजेपी का शासन रहा. उधर, दिग्विजय के माफी मांगने पर मंत्रालय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि ‘माफी मांगना अच्छा है.’
उन्होंने ध्यान दिलाया कि एक वोटर अपने नेता का अब तक का ट्रैक रेकॉर्ड जरूर देखता है. उन्होंने कहा, ‘कमलनाथ ने अब तक कर्मचारियों के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है लेकिन कर्मचारियों का बड़ा दिल है, वे दिग्विजय को माफ कर देंगे. ‘ बता दें कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के टिकट पर भोपाल सीट से मैदान में हैं. ऐसी अटकले हैं कि बीजेपी साध्वी प्रज्ञा या राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को टिकट दे सकती है.