विक्रम शाह ठाकुर. कुम्हारी. यह चित्रकार कैनवास लेकर कॉलोनी-कॉलोनी घूम रहा है. लोगों को पेड़ लगाने और पेड़ बचाने की गुहार लगाते फिर रहा है. इस मशहूर चित्रकार का नाम है अनिल खोब्रागड़े. नाम तो आपने भी जरुर सुना होगा. इन दिनों यह प्रसिद्ध चित्रकार गली मोहल्लों में लोगों में जागरूकता के लिए भटक रहा है. आज चित्रकार चरौदा के एक कॉलोनी पहुंचे और लोगों को अपनी पेंटिग्स दिखाकर लोगों को जागरूक किया.

अनिल खोब्रागड़े का कहना है कि लगातार कट रहे पेड़-पौधों के चलते प्रकृति का संतुलन बिगड़ने लगा है. पूरे जंगल-जंगल कट रहे हैं मगर किसी को इसकी चिंता नहीं हो रही है. अगर हमने मिलकर इस अंधाधुंध कटाई को रोका नहीं तो स्थिति विकराल होती चली जाएगी.  चित्रकार ने प्रकृति की सौन्दर्य को सहेजने की आज महती जरुरत की बात कही. प्रकृति की सौन्दर्य को चित्रकार ने अपने कैनवास में उकेरा है.

चित्रकार अनिल खोब्रागड़े ने आज चरौदा के एक कॉलोनी पहुँचते ही अपने चित्रों की प्रदर्शनी लगाई. आसपास के लोग और स्कूली बच्चे चित्रकार की तस्वीर देखकर विस्मोहित हो गए. लोगों ने सभी पेंटिग्स की जमकर सराहना की. सभी पेंटिग्स पेड़ लगाने और पेड़ बचाने के संदेश के लिए ही बनाये गए हैं.  चित्रकार अनिल खोब्रागड़े का कहना है कि हम लगातार वन संपदा के मामले में निर्धन होते जा रहे हैं. दौड़ती-भागती जिंदगी में लोगों को अपनी सांसों की भी चिंता नहीं है. वृक्ष संपदा को नष्ट करने की यही गति रही तो वह दिन दूर नहीं जब मानव जीवन दूभर हो जायेगा.

चित्रकार अनिल खोब्रागड़े
चित्रकार अनिल खोब्रागड़े