भुवनेश्वर. कहा जाता है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। लेकिन जब किसी को बुजुर्ग होने के बाद पढ़ाई का शिद्दत से एहसास हो है तो वो क्या करे? आप कह सकते हैं ज्यादा से ज्यादा ऐसा इंसान किसी कोचिंग या घर पर ट्यूयशन लेकर पढ़ाई कर सकता है। मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक 80 वर्षीय बुजुर्ग नारायण साहू बाकायदा विश्वविद्यालय से पीएचडी कर कर रहे हैं। यह बुजुर्ग को कोई आम शख्स नहीं बल्कि वह एक बार सांसद और दो मर्तबा विधायक रह चुके हैं।

ओडिशा के रहने वाले पूर्व सांसद और पूर्व विधायक नारायण साहू भुवनेश्वर के उत्कल विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे हैं। साहू ने बताया कि क्यों उन्होंने राजनीति छोड़ी और पढ़ाई पर अपना ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरुआत में राजनीति से बेहद प्यार था। लेकिन जब मैंने राजनीति में गलत होता देखा तो मैं बेचैन हो गया। इसके बाद मैंने राजनीति छोड़ दी और फिर बतौर छात्र खुद में सुधारने लाने का फैसला किया।’

दो बार पल्लाहारा से विधायक और एक दफा देवगढ़ से सांसद रहे साहू ने आगे कहा, ‘राजनीति में किसी नियम, कानून और सिद्धांत का पालन नहीं किया जाता। इसलिए मैंने इसे छोड़ने का फैसला किया। वो मेरे जीवन का सबसे खुशी का दिन था जब मुझे विश्वविद्यालय में एडमिशन मिला।’

साहू फिलहाल हॉस्टल में ही रहकर अपनी पीएचडी की पढ़ाई पूरी रहे हैं। वह यहां अन्य छात्रों की तरह एक साधारण रूम में रहते हैं। 1963 में रेवेनशॉ विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएश करने के बाद भी साहू की पढ़ाई की ललक कभी खत्म नहीं हुई।

उन्होंने 2011 में उत्कल विश्वविद्यालय से पहले पोस्ट-ग्रेजुएशन किया और फिर उन्होंने यहीं से 2012 में एमफिल किया। इसके बाद उन्होंने साल 2016 में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की और अब उनका पूरा ध्यान इसे पूरा करने पर है।