दिल्ली। केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्य नागालैंड को ‘अफस्पा’ के तहत छह महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया है। इससे राज्य को केंद्र सरकार के कानून के तहत कड़ी निगरानी में रखा जाएगा।

इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। इस कानून के तहत सुरक्षा बलों को राज्य में विशेष अधिकार दिए गए हैं। वे किसी बिना सूचना के भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं। इसके अलावा तलाशी लेने, बल प्रयोग करने का अधिकार भी सुरक्षा बलों को होगा। इन सैनिक बलों की नागरिकों के प्रति कोई जवाबदेही नहीं होगी। इस कानून को अब तक पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लागू किया जा चुका है। जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया है।

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि, केंद्रीय सरकार का यह मानना है कि पूरा नागालैंड राज्य की सीमा के भीतर आने वाला क्षेत्र ऐसी अशांत और खतरनाक स्थिति में है जिसमें वहां नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का प्रयोग करना आवश्यक है। इसलिए अब सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्रीय सरकार पूरे नागालैंड राज्य को 30 दिसंबर 2020 से छह महीने की अवधि तक अशांत क्षेत्र घोषित करती है।