
वर्तमान में खेती और बागवानी कार्यों में कृषि यंत्रों (agricultural machinery) की भूमिका अहम हो गई है. आज हर किसान (farmer) खेती के कार्यों के लिए कृषि यंत्रों का प्रयोग करने लगा है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कृषि यंत्र तैयार किया है जिसे चलाने के लिए न बिजली की जरूरत है और न ही डीजल की. जी हां, वैज्ञानिकों ने अब सौर ऊर्जा (solar power tractor) से चलने वाला कृषि यंत्र तैयार किया है जो बहुत ही कम खर्च में संचालित किया जा सकता है. सोलर ऊर्जा (solar power) से संचालित होने वाले कृषि उपकरण का नाम सोलर असिस्टेड ई-प्राइम मूवर मशीन है.

निंदाई-कोडाई और कीटनाशकों का छिड़काव करने में फायदेमंद
खेतों की निंदाई-कोडाई और कीटनाशकों का छिड़काव करने में किसानों को बहुत अधिक समय लगता है. इन कामों में श्रम भी अधिक लगता है. ऐसे में सोलर असिस्टेड ई-प्राइम मूवर मशीन छोटे से लेकर बड़े किसानों तक के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे उनके समय की तो बचत होगी ही, साथ ही मज़दूरों की समस्या भी दूर होगी. मशीन कुछ ही घंटे में निंदाई-कोडाई से लेकर कीटनाशक छिड़कने तक का काम कुशलता से कर लेती है. इस मशीन की ख़ासियत है कि यह सौर उर्जा के साथ ही बैटरी से भी चल सकती है. इसमें डैशबोर्ड बैटरी मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप स्विच, डिजिटल स्पीड इंडिकेटर, लोड करंट और वोल्टेज मॉनिटरिंग सिस्टम, सेफ्टी स्विच और अन्य सभी सुरक्षा उपकरण लगे हुए हैं.

सवा एकड़ क्षेत्र में एक घंटे में दवा छिड़काव कर देगा
इस ई-प्राइम मूवर मशीन की मदद से सवा एकड़ क्षेत्र में सिर्फ एक घंटे में ही दवा का छिड़काव किया जा सकता है. ई-प्राइम मूवर मशीन का इस्तेमाल घर में लाइट जलाने के लिए भी किया जा सकता है. इस उपकरण से खेत से 2 क्विंटल अनाज आसानी से घर ले जा सकते हैं. अगर इसे बैटरी से चला रहे हैं तो फुल चार्ज करने पर बैटरी 3 घंटे चलती है.
कितनी है कीमत?
यह मशीन समय और श्रम की बचत तो करता ही है, साथ ही ईंधन की भी बचत करता है, जिससे किसानों की खेती की लागत कम और मुनाफ़ा अधिक होता है. सौर पैनल के साथ की कीमत करीबन 3.10 लाख रुपये और बिना सौर पैनल के 1.80 लाख रुपये के आसपास है. ऑपरेटिंग लागत 500 रुपये प्रति घंटा है.
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