मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में यदि कोई साधक दस महाविद्या में से किसी भी देवी की विधि-विधान से तंत्र या मंत्र साधना करता है तो वह निश्चित तौर पर सफल होती है और पूरे साल उस पर देवी दुर्गा के उस दिव्य स्वरूप की कृपा बनी रहती है. गुप्त सिद्धियों को पाने के लिए इस नवरात्रि को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है. गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी से 19 फरवरी तक रहेगी. ऐसे में तंत्र-मंत्र के साधक मध्य प्रदेश के एक गांव में जाते हैं साधकों के बीच में इसे मिनी बंगाल के नाम से जाना जाता है. ये गांव खरगोन मुख्यालय से लगभग 59 Km दूर विध्यांचल पर्वत से लगा हुआ है. सिद्धियां प्राप्त करने के लिए साधु-महात्मा एवं तांत्रिक खास मौकों पर यहां रात के समय उपासना करते है. अनेक क्रियाएं करते है.

चौसठ योगिनी, 52 भैरव, साढ़े ग्यारह हनुमान होने से गांव को 108 शक्तिपीठ में से एक बताते है. बंगाल, असम के बाद मालवा में उज्जैन के काल भैरव और निमाड़ में चोली गांव को तंत्र विद्या का सबसे बड़ा गढ़ माना जाता है. यहां गुप्त नवरात्रि में देवी और भैरवनाथ की उपासना के लिए के लिए बड़ी संख्या में तांत्रिक आते है. Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

गांव के 52 भैरव मंदिर के पुजारी नारायण धनौरिया ने कहा कि पहले गांव में बड़े स्तर पर तांत्रिक द्वारा तंत्र विद्याएं की जाती थी, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही और ना ही वैसे लोग रहे. हालांकि गुप्त नवरात्रि में आज भी गांव में कुछ लोग सिद्धियां प्राप्त करने के लिए गुप्त रूप से रात में क्रियाएं करते है. Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …

ग्रामीणों के अनुसार गांव को मिनी बंगाल कहते है. छह महीने की रात में इस गांव का निर्माण हुआ था. यहां 52 भैरव, चौसठ योगिनी, 12 शिवलिंग और साढ़े ग्यारह हनुमान होने से तंत्र विद्या का गढ़ माना जाता है. इस गांव में साधु, तांत्रिक यहां सिद्धियां प्राप्त करने आते है. शारदीय नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि, चौदस एवं उजाली में यहां आकर क्रियाएं करके सिद्धियां प्राप्त करते है.