दिल्ली. कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी भी अनहोनी का शिकार हो सकता है. है कि नहीं? ऐसे में आपने सोचा है कि आपके फेसबुक का क्या होगा? क्या वो पूरी जिंदगी यूं ही पड़ा रहेगा? क्या आपने कभी सोचा है कि किसी करीबी को, जिसको आपने बहुत दुःख के साथ खो दिया है, उसके पुराने पड़े फेसबुक अकाउंट का आप क्या कर सकते हैं? और मर जाने के बाद आखिर क्या होता है, फेसबुक एकाउंट का…?
लिगेसी कॉन्टैक्ट
फेसबुक पर अपने अकाउंट की देखरेख के लिए एक ‘लिगेसी कॉन्टैक्ट’ रखना सबसे अच्छा विकल्प होता है. आपका लिगेसी कॉन्टैक्ट आपकी मौत के बाद आपका अकाउंट मैनेज कर सकता है. वो आपकी प्रोफाइल पिक्चर बदल सकते हैं, आपकी टाइमलाइन पर पोस्ट ‘पिन’ कर सकते हैं और फ्रेंड रिक्वेस्ट का जवाब दे सकते हैं. हालांकि उन्हें कुछ पोस्ट करने या आपके मैसेज देखने की इजाज़त नहीं होती है.
क्या करता है फेसबुक मृत लोगों के अकाउंट के साथ?
फेसबुक मृत लोगों के अकाउंट को ‘मेमोरियलाइज’ कर देता है. यानी उनका अकाउंट डिलीट नहीं होता. बल्कि लोग मृत व्यक्ति की यादों को सहेज सकें, इसलिए उनके पोस्ट और तस्वीरें बचाकर रखता है. मेमोरियलाइज्ड अकाउंट में व्यक्ति के नाम के आगे ‘रिमेंबरिंग’ जुड़ जाता है. यानी उन्हें याद किया जा रहा है. अगर मृत व्यक्ति ने अपनी टाइमलाइन लोगों के की पोस्ट के लिए खुली रखी हो, तो लोग उनकी टाइमलाइन पर पोस्ट भी कर सकते हैं. मेमोरियलाइज्ड अकाउंट न ही ‘पीपल यू मे नो’ यानी फ्रेंड सजेशन में दिखाई पड़ते हैं, न ही उनकी फ्रेंड लिस्ट में मौजूद लोगों को उनके जन्मदिन का नोटिफिकेशन जाता है. अगर मृत व्यक्ति ने कोई ऐसा पेज बनाया हो जिसका वो इकलौता एडमिन है, तो मौत की खबर मिलते ही वो पेज डिलीट कर दिया जाता है. अगर मृत व्यक्ति ने कोई ‘लिगेसी कॉन्टैक्ट’ तय किया हो तो वो अकाउंट में बदलाव कर सकता है. अगर आप चाहते हैं कि मरने के बाद आपका अकाउंट डिलीट हो जाए? तो लिगेसी कॉन्टैक्ट वाले ऑप्शन में जाकर ‘रिक्वेस्ट अकाउंट डिलीशन’ सेलेक्ट कर लें.
फेसबुक को किसी की मौत की खबर कैसे दें?
जब आप लिगेसी कॉन्टैक्ट वाले पेज पर होते हैं, पेज के अंत में फेसबुक आपसे पूछता है कि क्या आप किसी मृत व्यक्ति की जानकारी फेसबुक को देना चाहते हैं. उसपर क्लिक कर आप एक फॉर्म तक पहुंच जाते हैं, जो अकाउंट के मालिक को मृत घोषित करने के पहले आपको भरना पड़ता है. लेकिन ऐसा नहीं कि किसी को भी आप मृत घोषित करवा दें. मरने वाले व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट अपलोड करना पड़ता है. जिसको वेरीफाई करने के बाद ही फेसबुक उस व्यक्ति को मृत घोषित करेगा.
एक अच्छी बात
आपकी मौत के बाद भी फेसबुक किसी भी तरह आपके मैसेज किसी से शेयर नहीं करेगा. न ही आपके लॉग इन डिटेल किसी को देगा. फेसबुक की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक़ ये गुनाह है. और वो ऐसा बिलकुल नहीं करते. हमारी तो यही कामना है कि आप सौ साल जिएं और बिलकुल स्वस्थ रहें. लेकिन सचेत रहें, कि आपके या आपके किसी करीबी के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो कोई आपके फेसबुक का गलत इस्तेमाल न कर सके.