सत्यपाल सिंह,रायपुर। कोरोना महामारी के चलते स्कूली बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास चलाया जा रहा है. लेकिन अभी भी छत्तीसगढ़ के हजारों बच्चे ऑनलाइन क्लास से वंचित है. पालक संघ ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन पर निजी स्कूलों के हाथ बिकने का आरोप लगाया है. शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. जिस कारण आज आक्रोशित पालकों ने धरना-प्रदर्शन किया. 5 सूत्रीय मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार को ज्ञापन सौंपा है. इनकी मांगे पूरी नहीं होने पर 15 जुलाई को हजारों पालक चक्का जाम करेंगे.

प्रदेश के हजारों बच्चे ऑनलाइन क्लास से वंचित

पालक संघ के अध्यक्ष नज़रूर खान ने बताया कि निजी स्कूलों के सामने शिक्षा विभाग सरेंडर है. इसका खामियाजा विद्यार्थियों और पालकों को भुगतना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद भी प्रदेश के हजारों विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस से वंचित है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है. आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

पालक संघ ने किया विरोध प्रदर्शन

जिसके चलते आज प्रदेशभर के पालक धरना स्थल पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया. निजी स्कूलों की मनमानी और बेलगाम रवैये पर लगाम लगाने की मांग की. पालक संघ ने 5 सूत्रीय ज्ञापन सीएम के नाम कलेक्टर को सौंपा है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी बच्चे को शिक्षा से मंचित नहीं किया जा सकता है. लेकिन निजी स्कूल वाले लगातार फीस के नाम पर हज़ारों बच्चों को शिक्षा से वंचित कर दिया है.

बिक चुके हैं शिक्षा विभाग के अफसर

नज़रूर खान ने कहा कि इन बच्चों को फिर से शिक्षा की धारा में जोड़ा जाए. ऑनलाइन क्लास उपलब्ध कराई जाए. यदि 14 जुलाई तक हमारी मांग पूरी नहीं हुई, तो 15 जुलाई को प्रदेश स्तरीय प्रदर्शनकारी चक्का जाम करेंगे. उन्होंने कहा कि दो साल की लड़ाई के बावजूद कार्रवाई नहीं होना यह साबित कर रहा है कि शिक्षा विभाग और विभाग के बड़े अधिकारी बिक चुके हैं. सांठगांठ कर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

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