महासमुंद. छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक और महिला साहू समाज की प्रदेश अध्यक्ष यामिनी साहू को फोन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की.यामिनी साहू ने पुलिस थाना खल्लारी और महासमुंद के पुलिस अधीक्षक को शिकायत की है कि उन्हें ब्राह्मण ना होने की वजह से भागवत कथा करने से रोकने की कोशिश परशुराम सेना की ओर से की जा रही है. यामिनी साहू ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की जिसके बाद उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करा दिया गया है. हालांकि इस मामले में कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है.

यामिनी साहू महासमुंद जिले की रहने वाली है. पिछले 10 साल से वे भागवत कथा कराती आई हैं. यामिनी साहू ने बताया कि उनका भागवत का प्रवचन सीरगड़ी गांव में चल रहा है. इसी दौरान, उन्हें अनजान नंबरों से फोन आने शुरु हुए. इनमें से ज़्यादातर लोग खुद को परशुराम सेना से जुड़ा बताते हैं. यामिनी ने पुलिस को फोन रिकार्डिंग भी उपलब्ध करा दी है

यामिनी ने बताया कि अज्ञात लोगों ने धमकी देते हुए कहा कि वे साहू होने के साथ एक महिला हैं. जिन्हें भावगत कराने का अधिकार नहीं हैं. यामिनी ने इसका प्रतिरोध किया. तो फोन करने वालों ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. फोन करने वाले परशुराम सेना के लोग खुद को यूपी के वाराणसी और रायपुर के रहने वाले बता रहे हैं.

उन्हें फोन करने वालों ने बताया कि वे अपनी जाति और महिला होने की वजह से व्यास मंच पर नहीं बैठ सकतीं. यामिनी को मुजरा करने की सलाह भी दी गई. यामिनी ने कहा कि परशुराम सेना ने चेतावनी दी है कि अगर वे ना मानीं तो सेना कथा स्थल पर पहुंचकर उनका विरोध करेंगे.

यामिनी साहू का कहना है कि उनका ब्राह्मण समाज से कोई विरोध नहीं है. जिन 15-20 लोगों ने फोन किया है मैं उनका विरोध कर रही हूं और उनकी धमकी से परेशान होकर अपने खुद को सुरक्षित करने के लिए पुलिस को आवेदन और बल की मांग की है. पुलिस जांच कर ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दें.

इसे भी पढ़ें- CG बजट सत्र 2022: पूर्व CM रमन ने सदन में दागे कई सवाल, शराबबंदी, रोजगार, रेत, DMF, कोयला और पत्रकार सुरक्षा पर हुई गहमागहमी

पूरे मामले को लेकर एसपी विवेक शुक्ला का कहना है कि, भागवत कथा वाचक यामिनी साहू का आवेदन आया है जांच कर दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी सुरक्षा की दृष्टि पर चार सिपाहियों का सुरक्षा बल दिया गया है और वहां शांति से हर रोज कथा हो रही है.

ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष होरीलाल पांडे का कहना है कि, जो दोषी व्यक्ति हैं उन पर कार्रवाई हो. जात-पात का कोई मुद्दा नहीं है. कानून अपने हिसाब से कार्रवाई करे. वहीं साहू समाज के प्रदेश संगठन घना राम साहू का कहना है कि जो दोषी व्यक्ति है उन पर कार्रवाई हो. इसे लेकर साहू समाज के लोगों ने भी शिकायत की है.