रायपुर. झारखंड में भोजन का अधिकार अभियान ने सरकार की आधार कार्ड की अनिवार्यता पर कई गंभीर सवाल खड़ करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को झारखंड़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की सूचना आ रही है. बता दे कि ये छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया के पति है.
जानकारी के मुताबिक ज्यां द्रेज के साथ उसके दो साथी विवेक और एक अन्य को झारखंड के भीषुपूरा (गढ़वा) पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
किया था ये खुलासा
कुछ महीनों पहले ज्यां द्रेज ने झारखंड राज्य में जिन लोगों का आधार से पेंशन, राशन कार्ड, जॉब कार्ड लिंक नहीं हुआ है वैसे लाभार्थियों को लाभ से वंचित किए जाने का खुलासा किया था. झारखंड में जॉब कार्ड, राशन कार्ड या पेंशनर को फर्जी बताया गया है और इस मद में बची हुई राशि को सरकार आधार इनेबल सेविंग कहकर खुद की वाहवाही लूट रही है. झारखंड में आधार कार्ड से लिंक नहीं होने के कारण हजारो जॉब कार्ड भी कैंसिल कर दिए गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ज्यां द्रेज ने यह बातें कहीं थी.
ज्यां द्रेज ने खुलासा किया था कि 2017 में केंद्र सरकार ने कहा कि आधार की वजह से 100 करोड़ रुपये बचाए. सरकार जिस तरीके से फर्जी राशन कार्ड बताकर राशन कार्ड को कैंसिल कर रही है वह गलत है. आरटीआई से प्राप्त सूचना से पता चला है कि राज्य में रद्द किए गए राशन कार्डों में से मात्र 12% ही गलत थे. इसके कारण जरूरतमंदों को उनके राशन के अधिकार से वंचित हो जाना पड़ा.
उन्होंने ये भी कहा था कि राज्य में आधार की वजह से दो लाख पेंशनरों की पेंशन रद्द कर दी गई, जबकि इस मुद्दे पर खूंटी जिला में आकलन करने पर पता चला कि ऐसे लोगों की ही पेंशन रद्द की गई जिन्होंने किसी वजह से आधार से बैंक खाता लिंक नहीं कराया था. राज्य सरकार की इस तरह की कार्रवाई से जरूरतमंद भूखे मरने को मजबूर हो रहे हैं. हालांकि उनकी गिरफ्तारी किस मामले में हुई है ये खुलासा अभी नहीं हो सका है.