अमित कोड़ले, बैतूल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में रिश्वत लेते सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए वन विभाग के तीन कर्मचारियों को डीएफओ (DFO) ने निलंबित कर दिया है। विभाग के तीनों कर्मचारियों को जेसीबी को छोड़ने के लिए रिश्वत ली थी। विभागीय जांच में आरोप सही पाए जाने पर उक्त कार्रवाई की गई है।

दरअसल आमला रेंज की महिला डिप्टी रेंजर और उनके दो सहयोगी बीट गार्ड अवैध खनन में पकड़ी गई जेसीबी मशीन को छोड़ने के बदले में रिश्वत लेते हुए सीसीटीवी कैमरों में कैद हुए थे। दक्षिण वन मण्डल की आमला रेंज की बरसाली सर्किल के सोहागपुर गांव में कोपरा (मुरम) का उत्खनन करते हुए वन कर्मियों ने एक जेसीबी मशीन पकड़ी थी, जिसे छोड़ने के लिए अवैध उत्खनन कर्ता से वन कर्मियों ने एक बड़ी रकम की मांग की थी। अवैध खननकर्ता ने तीनों वन कर्मियों को एक होटल में रिश्वत की यह रकम सौंपी थी जो वहां पर लगे अलग अलग सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई थी। रिश्वत कांड के वीडियो वायरल होते ही दक्षिण वन मण्डल के डीएफओ (DFO) विज्याननन्तम टी आर ने तुरंत एक टीम बनाकर जांच करवाई। जिसमें डिप्टी रेंजर सीमा चौकीकर और बीट गार्ड अभिषेक दीक्षित, पंकज सातनकर को दोषी पाए जाने पर तत्काल निलंबित कर दिया गया है।

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