नई दिल्ली: तिहाड़ जेल की ऊंची दीवारों के भीतर अब सिर्फ सजा नहीं, बल्कि सुधार और नई उम्मीद की भी कहानी लिखी जा रही है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना(V.k Saxena) और गृह मंत्री आशीष सूद(Ashish Sood) ने तिहाड़ जेल में दो अनोखे प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। ये प्रोजेक्ट कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में लौटने पर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि “सजा के साथ सुधार भी जरूरी है, ताकि कैदी समाज में सकारात्मक योगदान दे सकें।”

इन प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं:

गौशाला: जहां कैदी पशुओं की देखभाल और पालन के साथ-साथ पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।

बेकरी का डिजिटल अवतार: कैदी बेकरी उत्पाद बनाने के साथ-साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बिक्री और प्रबंधन के कौशल सीख रहे हैं।

गौशाला में पहुंचीं 10 महमान गायें

जेल कैंपस में बनी इस गौशाला में फिलहाल 10 गायें लाई गई हैं। दिल्ली सरकार से इसे औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है। ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले कैदियों को अब गायों को चारा डालने, उनकी देखभाल करने और दैनिक प्रबंधन का काम सौंपा जाएगा। दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने इस पहल को ‘गौ-थेरेपी’ नाम दिया। उन्होंने कहा, “जेल में सबसे बड़ी सजा अकेलापन होता है। गायों के साथ समय बिताने से कैदियों के मन को सुकून मिलेगा और अलगाव की भावना कम होगी।”

गृह मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली पुलिस को मात्र 19 दिनों में आवारा पशुओं की 25,000 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थीं। राजधानी की मौजूदा गौशालाओं की कुल क्षमता करीब 19,800 पशुओं की है, जबकि इनमें 21,800 से ज्यादा पशु पहले से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में तिहाड़ जेल परिसर में शुरू की गई यह छोटी-सी गौशाला भले आकार में सीमित लगे, लेकिन यह दिल्ली में पशु प्रबंधन और कैदियों के पुनर्वास को जोड़ने वाली दूरगामी सोच का उदाहरण है।

तिहाड़ की बेकरी अब पहुंचेगी आपके घर तक

इसके अलावा तिहाड़ बेकिंग स्कूल अब पूरी तरह डिजिटल रूप ले चुका है। ONDC और My Store प्लेटफॉर्म पर अब तिहाड़ में तैयार होने वाली ब्रेड, बिस्किट और केक की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे आम लोग इन्हें घर बैठे मंगवा सकेंगे। अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही इस बेकरी से जुड़े एक प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है, जिसके तहत दिल्ली के सरकारी दफ्तरों में मीटिंग्स और कार्यक्रमों के दौरान तिहाड़ बेकरी का सामान परोसने की अनुमति दी जाएगी। इससे न सिर्फ जेल की राजस्व आय बढ़ेगी, बल्कि इसमें प्रशिक्षित हो रहे कैदियों का मनोबल भी ऊंचा होगा, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत को सामाजिक मान्यता मिल सकेगी।

स्मार्ट जेल की तरफ एक और कदम

तिहाड़ जेल में एक आधुनिक इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम भी लॉन्च किया गया। इस डिजिटल व्यवस्था के बाद अब जेल परिसर में उपयोग होने वाली दवाइयों, भोजन, कपड़ों और जरूरी सामान का रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी। जैसे ही किसी आइटम का स्टॉक कम होगा, सिस्टम अपने आप अलर्ट भेज देगा, जिससे समय पर सामान की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। अधिकारियों के अनुसार, इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी काफी कम हो जाएगी। इसके साथ ही अब कोई भी एनजीओ मुफ्त में ऑनलाइन रजिस्टर कर सकेगा और मंजूरी मिलते ही तुरंत जेल में काम शुरू कर पाएगा। एनजीओ की सभी गतिविधियां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड होंगी, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m

देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें

खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक