अगरर्तला. ‘मैं भूखे पेट ही दिल्ली जा रहा हूं और जब तक कुछ सार्थक नहीं। हो जाता तब तक खाली पेट ही दिल्ली में रहूंगा. सभी मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है.’ त्रिपुरा के महाराजा एवं राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत माणिक्य ने बुधवार को दिल्ली रवाना होने से ठीक पहले यह बात कहीप्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने मूलनिवासी लोगों की समस्या के स्थायी संवैधानिक समाधान की मांग को लेकर बुधवार से आमरण अनशन की घोषणा की थी.

हालांकि उन्होंने महज घंटे भर में ही अपना ‘आमरण अनशन’ खत्म करने का ऐलान कर दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें दिल्ली से एक आधिकारिक फोन आया है, जिसमें उनसे तत्काल दिल्ली आने के लिए आग्रह किया गया हैदेबबर्मा ने इसके साथ ही अपनी पार्टी के सभी लोगों को वापस लौटने, जबकि पार्टी पदाधिकारियों को वहीं तंबू गाड़े रखने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि ‘अगर दिल्ली में बातचीत सार्थक रही तो सभी यहीं दावत करेंगे और अगर नहीं हुआ तो राज्य के जिरोनिया जिले के बोरोमुरा में विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.’

घुसपैठ जारी रही तो समस्या होगी

देबबर्मा यहां मूल निवासी समुदाय के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक संवैधानिक समाधान की मांग कर रहे हैं. देबबर्मा ने इससे पहले बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि जो लोग त्रिपुरा में बस गए हैं वे वापस जाएं, लेकिन अगर इस छोटे राज्य में ‘घुसपैठ’ जारी रही तो समस्या पैदा होगीउन्होंने कहा, ‘लगभग 90 प्रतिशत मूलवासी भूमिहीन हैंमैं चाहता हूं कि केंद्र हमारे समुदाय की समस्याओं का समाधान करे.’ उन्होंने कहा, ‘मैं बीमार हूं और अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाऊंगामेरा कोई परिवार नहीं है. मैं मरने से पहले टिपरासा लोगों के हितों की रक्षा करना चाहता हूं,