रायपुर. Wedding का सीजन शुरू हो गया है. हम जानते हैं कि wedding में काफी पैसे खर्च होते है. कई बार पैसों का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है. समस्या तब और बढ़ जाती है जब अचानक से कोई नई जरूरत आ जाए, ऐसे में Loan लेकर शादी के लिए जरूरी पैसों का इंतजाम बखूबी किया जा सकता है. कई बैंक शादी के लिए लोन देते हैं. शादी के लिए अगर आप लोन लेते हैं तो इसका कोई अलग से नियम नहीं है. शादी के लिए बैंक पर्सनल लोन (Personal Loan For Wedding) देती हैं. क्रेडिट स्कोर या इनकम के आधार पर 50 हजार रुपए से 30 लाख रुपए तक का पर्सनल लोन लिया जा सकता है. वहीं कुछ बैंक 30 लाख रुपए से भी ज्यादा का लोन ऑफर करती हैं. हालांकि, शादी के लिए पर्सनल लोन लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें…

Evaluate the Real Need
आप बैंक से ज्यादा उधार लेने से बचे. अपनी वेडिंग के का बजट की बनाते समय इस बात का ध्यान रखे कि आपको जितने पैसे की जरूरत है उतने ही पैसे उधार में ले. आप इस बात पर विचार कर सकते है कि क्या कुछ खर्चों में कटौती की जा सकती है, उन्हें टाला जा सकता है. अपने सेविंग्स से भी पेमेंट कर सकते है.
Compare Loan Offers
आप इंटरेस्ट रेट्स (फिक्स्ड बनाम फ्लोटिंग), प्रोसेसिंग फीस और प्रीपेमेंट चार्जेज की जांच कर सकते हैं. अलग-अलग बैंक्स और NBFC को कंपेयर करने के लिए ऑनलाइन लोन कंपैरिजन टूल का उपयोग करके भी लोन ऑफर चेक कर सकते है.
Pay EMI on time
लोन की ईएमआई समय पर जरूर भरें. लोन चुकाने में देरी करते हैं तो इससे न केवल सिबिल स्कोर पर फर्क पड़ता है बल्कि क्रेडिट हिस्ट्री भी खराब होती है. भविष्य में आप लोन नहीं ले पाएंगे. साथ ही लोन पर दूसरी चीजें भी नहीं मिलेंगी.
Check Your Credit Score
हाई क्रेडिट स्कोर (700 से अधिक) आम तौर पर आपको कम इंटरेस्ट रेट्स दरें और बेहतर लोन टर्म देता है. यदि आपका स्कोर कम है, तो अप्लाई करने से पहले इसे सुधारने पर विचार करें.
Be Realistic About Repayment
इसके अलावा बॉरोअर को यह सुनिचित करना चाहिए कि उनकी मंथली EMI आपकी आय के भीतर आराम से फिट हो. इमरजेंसी सेविंग्स या अन्य आवश्यक वित्तीय लक्ष्यों से समझौता न करें.
EMI According to Income
यहां यह भी देखना जरूरी है कि कहीं ईएमआई जेब पर अतिरिक्त बोझ तो नहीं डालेगी. दरअसल, शादी के बाद खर्च बढ़ जाते हैं. ऐसे में जितनी सेविंग हम शादी से पहले करते हैं, उतनी शादी के बाद करना संभव नहीं होता. ऐसे में जितने रुपये के लोन की जरूरत होती है, उसकी भी ईएमआई निकालना मुश्किल होता है. ईएमआई मासिक कमाई की 30 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.