पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। लोन के लिए साल भर से जनपद कार्यालय के चक्कर लगाते-लगाते थक चुके दिव्यांग अशोक सोनी ने प्रशासन को अंतिम चेतावनी दी है. उसने एसडीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा कि अगर सात दिवस के भीतर लोन नहीं दिया तो जनपद कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगा. इसे भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की आज दिल्ली में बैठक, प्रत्याशी चयन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सिंहदेव ने कही यह बात…

लाटापारा निवासी दिव्यांग अशोक सोनी ने मंगलवार को एसडीएम कार्यालय में एक ज्ञापन सौंप आत्मदाह की चेतावनी दी है. उसने बताया कि समाज कल्याण विभाग की दिव्यांग लोन योजना के तहत उसने सालभर पहले देवभोग जनपद के समाज कल्याण शाखा के माध्यम से लोन के लिए आवेदन किया है. 40 हजार की पगड़ी (बयाना) देकर उसने जनपद से ही दुकान किराए पर लिया है.

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उसने बताया कि अब वह दुकान में सामान बढ़ाना चाहता है, जिससे दुकान का किराया व गुजारा निकल सके. उसके ऊपर बूढ़ी मां के भरण-पोषण की भी जिम्मेदारी है. आर्थिक तंगी के बीच लोन के लिए दस्तावेज बनाने और जनपद कार्यालय का बार-बार चक्कर काटते थक चुका हूं. हर बार कोई न कोई नया बहाना बनाकर लोन देने में टाल मटोल किया जा रहा है.

उसने बताया कि इस बार गारेंटर के रूप में पंचायत सचिव का दस्तावेज दिया गया, लेकिन उसे नियमित कर्मचारी नहीं होना बताकर दूसरे गारेंटर का दस्तावेज मांगा जा रहा. अशोक ने लिखा है कि जल्द मुझे लोन की राशि नही दी गई तो मैं आत्मदाह कर लूंगा. एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा की संबंधित विभाग से चर्चा कर विधिवत निराकरण करने कहा जा रहा है.

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75 फीसदी दिव्यांग है अशोक

43 वर्षीय अशोक जन्म से ही दिव्यांग नहीं था. पुट्टी व प्लंबर का काम किया करता था. गरियाबंद के संतोषी पारा वार्ड में एक मकान में काम करने के दरम्यान छत से गुजरे हाई टेंशन तार के चपेट में आ गया, जिसमें हाथ-पांव बुरी तरह से झुलस गया. दाहिने हाथ को काटना पड़ा, बायां हाथ भी पूरी तरह ठीक नहीं हो सका. आज वह 75 फीसदी विकलांग है. इलाज के लिए कर्ज के बोझ से दबे पिता 2016 में आत्महत्या कर चुके हैं. वहीं घटना के बाद पत्नी घर छोड़कर चली गई है. अब बूढ़ी मां का अशोक इकलौता सहारा है.

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अफसर कुछ और बता रहे

मामले को लेकर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डोनर ठाकुर ने कहा कि विभाग से लोन देना बन्द कर दिया है, क्योंकि पहले भेजे गए तीन प्रकरण में मंजूरी नहीं मिल सकी है. मेरी बात अशोक से हुई है, उसकी फाइल को मंगवाया गया है, जिला अंतव्यवसायी हो या फिर उद्योग विभाग, जहां से मिल सके लोन दिलवाया जाएगा.

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2 करोड़ की वसूली बकाया

मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांग जन को लोन देने की योजना है, जिसके लिए ज्यादा फार्मिलिट की भी जरूरत नहीं पड़ती. मार्च 2023 समाज कल्याण विभाग को 4 करोड़ का कर्ज वसूली करना था, लेकिन विभाग आधे की ही वसूल पाया है. अभी भी 52 हितग्राही से 2 करोड़ की वसूली बकाया है. बकाया राशि के चलते ही नए सत्र में आए आवेदन को अफसरों ने मंजूरी नहीं दी. फरवरी माह में तो आवेदन न लेने का फरमान भी जारी कर दिया गया है.