बिंदेश पात्र, नारायणपुर। बस्तर के कई इलाकों में लाल आतंक का कहर जारी है. नक्सलियों की क्रूरता से हर कोई वाकिफ है. इस बीच नक्सलियों की एक और पोल खुल गई है. नक्सली नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर रेकी और जासूसी कराते थे, जिसका अब पर्दाफाश हो गया है. नक्सलियों की प्रताड़ना का शिकार हो रही नाबालिग लड़कियों ने लाल आंतक से तौबा कर लिया है. नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर सरेंडर कर दिया है.

लाल आतंक का कहर जारी

दरअसल, घोर नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ में लगातार नक्सलियों का खौफनाक चेहरा सामने आ रहा है. नक्सली अपना दबदबा बनाने के लिए हर प्रकार से हथकंडा अपना रहे हैं. अबूझमाड़ के सभी वर्ग बूढ़े, जवान, नाबालिग बच्चों पर कहर ढा रहे हैं. नक्सलियों की करतूत जानकर हर कोई परेशान है.

नक्सलियों अपने मंसूबे को साधने के लिए अब नाबालिगों को अपने बारूदों से भरे जाल में फंसा रहे हैं. तीन मासूम नाबालिग लड़कियों को ट्रेनिंग देकर जासूसी का काम करा रहे थे. ग्रामीण इलाकों में पुलिस की खबर बताने के लिए बाजारों में जाकर पता लगाने के लिए लड़कियों को रखा गया था. कहीं पुलिस के जवान बाजार में तो नहीं आए हैं. बाजार से नक्सलियों के लिए सामान लेकर जाना, खोजबीन का कार्य करवाने काम करवाया जाता था.

बात तब सामने आई जब एक नाबालिग लड़की को पूरे 1 दिन हाथ पांव बांधकर बिठा दिया गया था. पूरे दिन परेशान किया गया था. इस डर से बच्ची दो सहेलियों के साथ भागकर पुलिस के पास आई और आत्मसमर्पण किया है. नाबालिगों ने कहा कि उनके साथ क्रूरता किया  जा रहा था. उनको प्रताड़िता किया जा रहा था, जबरन उनको नक्सली बनाया गया. एसपी उदय किरण ने इस घृणा कार्य को नक्सलियों का बच्चों पर अत्याचार बताया और क्रूर हरकत कहा है.

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