TTD (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड) ने गैर-हिन्दुओं को VRS (इच्छा से रिटायरमेंट) या किसी दूसरे विभाग में तबादला करने का अनुरोध किया है. माना जाता है कि इससे लगभग 300 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं. सोमवार को प्रस्ताव भी पारित हुआ है. TTD, एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट, तिरुपति में तिरुमाला वेंकटेश्वरा मंदिर की देखभाल करता है.

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ट्रस्ट के अध्यक्ष बीआर नायडू ने रिपोर्ट में कहा कि गैर-हिन्दुओं को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि बोर्ड के 7000 स्थाई कर्मचारियों में से यह करीब 300 को प्रभावित कर सकता है, साथ ही TTD में करीब 14 हजार कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी भी हैं, और कई कर्मचारी यूनियनों ने इस निर्णय का समर्थन किया.

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31 अक्टूबर को टीटीडी के अध्यक्ष बने नायडू ने कहा कि सिर्फ हिन्दुओं को ही मंदिर का काम देखना चाहिए. खास बात यह है कि टीटीडी एक्ट को अब तक तीन बार संशोधित किया गया है ताकि सिर्फ हिन्दुओं को टीटीडी बोर्ड और उससे जुड़े संस्थानों में नौकरी मिल सके. 1989 में सरकार ने आदे भी जारी किए, जिसमें टीटीडी पदों पर सिर्फ हिंदुओं को नियुक्त किया गया था.

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सूत्रों का दावा है कि इन प्रावधानों के बाद भी गैर हिन्दुओं का काम करना जारी है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही हिन्दू कर्मचारियों से कथित तौर पर गैर हिन्दुओं के काम करने की शिकायतें मिल रही हैं. नायडू सरकार ने हाल ही में वाईएसआरसीपी सरकार में तिरुपति के प्रसाद के लड्डू बनाने में लगने वाले घी में जानवर की चर्बी मिलाई जा रही है.

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