सर्दी में दो प्रकार की एलर्जी सबसे ज्यादा देखने को मिलती है. इनमें एक नाक की एलर्जी और दूसरी फेफड़ों की Allergies. नाक से पानी आना, लगातार छींक आना, नाक बंद होना, सांस लेने में दिक्कत होना, सूखी खांसी या कफ आना. फेफड़ों में खिंचाव होना, सांस फूलना, फेफड़ों की बीमारियों के मरीजों को लक्षणों का बढ़ना.

इसके बाद आंख की एलर्जी आती है, इसमें आंखों से पानी आना, लाल होना, सूज जाना, आंख से सफेद पदार्थ आना, चिपकना आदि. त्वचा की Allergies होती है. जिसमें खुजली, खुश्की, फुंसी होना, खुजलाने के बाद त्वचा का लाल पडऩा, स्किन का उतरना आदि. डॉक्टर कहते हैं कि सर्दी के मौसम में इन चार अंगों का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी है क्योंकि इन्हीं अंगों को सबसे ज्यादा Allergies होती है. Read More – सर्दियों का मौसम में अदरक, अंडा, सूप और दूध का करें सेवन, शरीर में बढ़ाती है अंदरूनी गर्मी …

घर से बाहर जाते समय मुंह को ढकें

एलर्जी को लेकर लोग खान-पान के अलावा जिन चीजों का ध्यान रखते हैं, वे धूल के कण या प्रदूषण आदि. लोगों को लगता है कि उन्हें इन्हीं चीजों से Allergies हो सकती है. जबकि हकीकत यह है कि सर्दी के मौसम में मुंह पर लगने वाली खुश्क ठंडी हवा भी एलर्जी पैदा कर देती है. सीधी ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचे. जब भी आप अचानक हवा में आएं तो पहले मुंह को ढकें. Read More – National Epilepsy Day : चप्पल-जूता सुंघाने से नहीं, सही इलाज से 70 फीसदी ठीक हो जाते हैं मिर्गी रोगी …

लापरवाही पड़ सकती है भारी

एलर्जी को लेकर बरती गई लापरवाही बीमारी को बढ़ा देती है. नाक की एलर्जी है और वह इसे सर्दी का असर मानकर बिना इलाज कराए छोड़ देते हैं तो इससे बीमारी बढ़ेगी. उसके लिए जरूरी है कि इलाज कराया जाए. आज Allergies की बेहतर दवाएं आ चुकी हैं. ये दवाएं शरीर के रिएक्शन की टोन को एलर्जिक पदार्थ के लिए बदलने का काम करती हैं. नाक से होकर एलर्जी सीधे फेफड़ों में जाती है और अस्थमा बनाती है. इसके अलावा आंखों की Allergies आंखों में रोग पैदा करने के साथ ही क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब कर देती है. एकाग्रता भंग हो जाती है. ब’चों और बड़ों में चिड़चिड़ाहट और तनाव बढ़ता है और कई अन्य बीमारियां लग जाती हैं.