नई दिल्ली। गृह युद्ध में फंसे अफ्रीकी देश सूडान में फंसे भारतीयों को वापस लाने सरकार ‘ऑपरेशन कावेरी’ चला रही है. भारतीयों की सुरक्षित वापसी में जुटी भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को सूडान के सैय्यदना आर्मी एयरपोर्ट के रनवे पर बिना लाइट के हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उतारा. वायुसेना की टीम ने इस दौरान एक गर्भवती महिला सहित 121 भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू किया है.

सैय्यदना सूडान की राजधानी खार्तूम से 22 किलोमीटर दूर उत्तर में एक आर्मी एयरपोर्ट है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस रनवे पर कोई नेविगेशन के लिए कोई मदद नहीं थी. कोई लाइट नहीं थी. फ्यूल का कोई इंतजाम भी नहीं था. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वायुसेना के पायलटों ने नाइट विजन गॉगल्स का इस्तेमाल किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, 27/28 अप्रैल 2023 की रात को चलाए गए इस साहसी अभियान में भारतीय वायुसेना के C-130J एयरक्राफ्ट के जरिए वाडी सैय्यदना के छोटे एयरस्ट्रिप से उड़ान भरकर 121 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. दरअसल, वाडी सैय्यदना में फंसे लोगों के पास सूडान पोर्ट तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था. इस काफिले का नेतृत्व भारतीय रक्षा अटैची कर रहे थे, जो वाडी सैय्यदना में एयरस्ट्रिप पर पहुंचने तक भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थे.

वायुसेना के पायलटों ने रात में लैंडिंग करने के लिए नाइट विजन गॉगल्स (एनवीजी) का इस्तेमाल किया. एयरस्ट्रिप के पास आने के दौरान क्रू ने अपने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रा-रेड सेंसर का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि छोटे रनवे पर कोई बाधा न हो. इस दौरान वायु सेना की स्पेशल फोर्स यूनिट के 8 गरुड़ कमांडोज मौजूद थे, जिन्होंने एयरक्राफ्ट में सामान की सुरक्षित बोर्डिंग कराई.

अब तक 1360 भारतीय लौटे

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को कुल 754 नागरिक भारत पहुंचे, इनमें से 362 बेंगलुरु पहुंचे हैं. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया कि ‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत 362 भारतीय बेंगलुरु पहुंच चुके हैं. इन्हें सऊदी अरब के जेद्दाह से भारत लाया गया, वहां ट्रांजिट कैम्प बनाया है. इसके पहले बुधवार को 360 और गुरुवार को 246 भारतीयों को स्वदेश लाया गया था. सूडान में करीब 3500 भारतीय मौजूद थे, इनमें से 1360 को वापस लाया जा चुका है.

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