रायपुर. युवा पीढ़ी को बेतर और नए नजरिये के साथ शिक्षित करने और स्किलफुल बनाने के मकसद से आईएसबीएम यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी.

आज के दौर में इंटरप्रिन्योरशिप औऱ लीडरशिप के जरिये ही देश में बदलाव लाया जा सकता है. जो न सिर्फ युवाओं के लिए बेहद जरूरी है बल्कि किसी भी तरह के बदलावों के लिए बेहद जरूरी है. आईएसबीएम ने इसीलिए अपना पूरा फोकस इन दो मूल्यों को बच्चों में विकसित करने पर जोर दिया है. हमारी यूनिवर्सिटी का मोटो ही ज्ञान, मानवीय मूल्यों के सृजन और नैतिकता पर फोकस करता है.

आईएसबीएम के चांसलर डा. विनय एम अग्रवाल देश के युवाओं को बेहतरीन शिक्षा उपलब्ध कराने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए वचनबद्ध हैं. इसीलिए उन्होंने यूनिवर्सिटी को अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर तैयार किया है. जिसके लिए यूनिवर्सिटी के चांसलर को कई सम्मानों से सम्मानित भी किया गया है.

छत्तीसगढ़ के गरियांबद के 32 एकड़ हरे भरे और प्राकृतिक माहौल में स्थापित इस यूनिवर्सिटी का मकसद सिर्फ बच्चों औऱ छात्रों को डिग्री देकर ही पूरा नहीं हो जाता बल्कि उनको बेहतर इंसान, बेहतर कारपोरेट माहौल में काम करने लायक इंप्लायी बनाने से लेकर उनके अंदर स्किल डेवलप करने की पूरी जिम्मेदारी समझी जाती है. जिसके लिए हम काम करते हैं. यूजीसी ने हमें यूनिवर्सिटी की मान्यता दी है. जिसके चलते हम छात्रों को बेहतरीन फैकल्टी और लर्निंग एन्वायरमेंट देने को वचनबद्ध हैं.

हमारा पूरा फोकस छात्रों को ग्लोबल लीडर बनाने पर है. हम ये सुनिश्चित करते हैं कि हमारे छात्र न सिर्फ 100 परसेंट प्लेसमेंट पायें बल्कि उनको बेहतरीन कारपोरेट ट्रेनिंग मिले. इसके लिए छात्रों की प्लेसमेंट सेल द्वारा की जाने वाली करिअर काउंसिलिंग से लेकर जाब प्रिपरेशन तक कई लेवल पर कठिन तैयारी कराई जाती है ताकि हमारे छात्र भविष्य के ग्लोबल लीडर्स बन सकें. हमें अपने बेतरीन काम के लिए कई सम्मानों से नवाजा गया है. जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार ने हमें 2018 में बेस्ट इनोवेटिव यूनिवर्सिटी के सम्मान से सम्मानित किया है. 2017 में हमें एसोचैम द्वारा बेस्ट अपकमिंग यूवर्सिटी का सम्मान मिल चुका है. हम इस बात के लिए संकल्पित हैं कि आईएसबीएम को हम बेहतरीन शैक्षिक संस्थान के तौर पर विकसित करेंगे जो छात्रों के विकास और ट्रेनिंग के लिए बेहतरीन जगह होगी.