रायपुर. राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर नगरीय ठोस अपशिष्ट नियम के क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक में रायपुर शहर से निकलने वाले अपशिष्ट को खारून नदी में मिलने से रोकने पर चर्चा हुई. इसके लिए समय-सीमा के भीतर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने की बात कही गई. वहीं रेलवे आवासीय कालोनियों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाए जाेन पर निगम प्रशासन से रेलवे प्रबंधन को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया.

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) धीरेन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति की तीसरी बैठक गुरुवार को नवीन विश्राम गृह में हुई. बैठक में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि रेलवे प्रबंधन अपने आवासीय कॉलोनियों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए तत्काल कार्ययोजना बनाकर समिति की अगली बैठक में प्रस्तुत करे.

समिति ने रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने पर नाराजगी जताते हुएनिगम प्रशासन को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए. बैठक में पर्यावरण को नुकसान पहुंचानी वाली संस्थाओं के विरूद्ध पर्यावरणीय जुर्माने पर भी चर्चा कर छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को शीघ्र ही इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए.

मेडिकल वेस्ट पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने प्रदेश के सभी बड़े शहरों में सुनिश्चित दूरी पर बायोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन के लिए संयुक्त उपचार सुविधा शीघ्र विकसित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए. बैठक में भिलाई नगर निगम द्वारा ठोस कचरे के निष्पादन के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की गई. साथ ही निर्णय लिया गया कि समिति भिलाई नगर निगम के कार्यों को देखने के लिए शीघ्र ही उस स्थान का दौरा करेंगी.

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव आरपी तिवारी ने सभी सार्वजनिक उपक्रमों से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए कार्य योजना बनाकर पालन करने को कहा.  बैठक में नगर निगम रायपुर, भिलाई, नगरीय निकाय पाटन, कसडोल, कवर्धा, सार्वजनिक उपक्रम एसईसीएल के अधिकारियों ने संबंधित आवासीय कॉलोनियों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर किए जा रहे उपायों की प्रस्तुति दी. बैठक में विशेष सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग संगीता पी., केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरपी मिश्रा उपस्थित थे.