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रायपुर। कचरा प्रबंधन को लेकर देश को संदेश देने वाले अंबिकापुर एक बार फिर सुर्खियों में आ रहा है. इस दफा यहां के एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए एक ऐसा प्रयोग किया है, जो अब चर्चा का विषय बन गया है. इन बच्चों ने सरकार को और प्रोडक्ट निर्माता कंपनियों को प्लास्टिक बैन करने के लिए मैसेज देने अनोखा तरीका अपनाया है. बच्चे प्लास्टिक के खाली रैपर को वापस पैक कर उन्हें बेचने वाले कंपनियों को भेज रहे हैं.
हर रोज पन्द्रह हजार टन प्लास्टिक फेंकते हैं भारतीय
दरअसल पूरा विश्व प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरण नुकसान को लेकर चिंतित है. भारत में भी प्लास्टिक कचरा एक बड़ी चुनौती बन चुका है. पूरे विश्व में जितना कचरा हर साल समुद्र के भीतर डंप किया जाता है उसका 60 प्रतिशत अकेला भारत डंप करता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सालाना 56 लाख टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है. वहीं भारत में रहने वाले लोग हर दिन तकरीबन 15 हजार टन प्लास्टिक कचरा फेंकते हैं. प्लास्टिक की वजह से पानी में रहने वाले जीव जंतुओं के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडराने लगा है. इन कचरों की वजह से न सिर्फ जलीय बल्कि जमीन पर रहने वाले जीव जंतुओं की बड़े पैमाने पर मौतें हो रही हैं.
प्लास्टिक को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद राज्यों ने प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध तो लगा दिया है लेकिन सरकार में बैठे लोगों और अफसरशाही की उदासीनता की वजह से इस पर उस पैमाने में अमल नहीं किया जा रहा है. वहीं लोगों में भी जागरुकता की भी कमी है. इन वजहों ने प्लास्टिक प्रदूषण को देश की एक बड़ी समस्या बना दिया है. छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में स्थित होलीक्रॉस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने इस समस्या की ओर सरकार का और निर्माता कंपनियों के साथ ही आम लोगों को जागरुक करने ये तरीका अपनाया है.
बच्चे पिछले 2 महीने से स्कूल परिसर में चिप्स, कुरकुरे सहित अन्य पैकेज्ड खाद्य सामग्रियों को खाने के बाद फेंके गए रैपर को इकट्ठा किया. दो महीने के भीतर इनके पास हजारों की संख्या में तमाम नामी-गिरामी कंपनियों के खाली रैपर इकट्ठा हो गए. इन्हें एक जगह इकट्ठा करके उन-उन कंपनियों के रैपर को अलग-अलग कर उनके पते पर पैक कर वापस भेज रहे हैं, इस संदेश के साथ कि आपके प्रोडक्ट को हमने यूज तो कर लिया लेकिन इन प्लास्टिक का हम क्या उपयोग करें? इन्हें वापस रिसाइकल कर देश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में सहयोग करें.
इसके साथ ही इन बच्चों ने जरुरतमंद और गरीब बच्चों की मदद करने का भी बीड़ा उठााय है. बच्चों द्वारा इस्तेमाल के बाद फेंके गए पेंसिल, रबर और कटर जैसी तमाम सामग्रियों को भी इकट्ठा किया जा रहा है.. बच्चों के पास पिछले 2 महीने के भीतर ऐसी सामग्रियां बड़े पैमाने पर इकट्ठा हो गई है. बच्चे इन यूज्ड और अनयूज्ड पेंसिल, रबर को जरुरतमंद स्कूली बच्चों को वितरित करना शुरु करने जा रहे हैं.