बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिवों पर आज बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है. प्रदेश में ये पद बहाल रहेंगे या फिर इन्हें अवैधानिक घोषित कर दिया जाएगा, इस पर आज अंतिम सुनवाई कोर्ट करेगा. बता दें कि दिल्ली, बंगाल, केरल, असम और सिक्किम हाईकोर्ट पहले ही संसदीय सचिव के पद को गैर संवैधानिक घोषित कर चुके हैं. इसके बाद वहां विधायकों को ये पद छोड़ने पड़े.
बता दें कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी, जो टल गई थी. चीफ जस्टिस राधाकृष्णन के छुट्टी में होने के कारण सुनवाई टली थी. गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर और राकेश चौबे ने याचिका लगाकर संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक बताया है. मोहम्मद अकबर ने संसदीय सचिवों पर दोहरा लाभ लेने का आरोप लगाकर उन्हें विधानसभा के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग की है.
पद के पक्ष में 16 वकीलों की फौज रखेगी अपनी दलील
वहीं छत्तीसगढ़ सरकार और संसदीय सतिवों की ओर से 21 वकील कोर्ट में अपनी दलील पेश करेंगे. जबकि मोहम्मद अकबर की तरफ से अमृतो दास और राकेश चौबे की ओर से अभ्युदय सिंह मामले की पैरवी करेंगे. वहीं प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पक्षकार बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा है कि उन्होंने ये फैसला बतौर सीएम लिया है.