इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेलों में बंद कई भारतीय मछुआरे अपनी रिहाई का इंतजार कर रहे हैं। कई लोगों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन फिर भी उन्हें रिहा नहीं किया जाता। हाल ही में भारत सरकार ने पाकिस्तान से जल्द भारतीय मछुआरों को रिहा करने की मांग की थी। इस दबाव का असर हुआ और अब पाकिस्तान आज भारतीय मछुआरों को रिहा करेगा।
वाघा बॉर्डर के रास्ते लौटेंगे भारत
रिहा किए गए भारतीय मछुआरे वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए भारत लौटेंगे। ये सभी गुजरात के रहने वाले हैं, जो मछली पकड़ते समय गलती से समुद्री सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। अब वे अपनी सजा पूरी करने के बाद अपने वतन लौटेंगे।

सीमा उल्लंघन में गिरफ्तार होते हैं मछुआरे
भारत और पाकिस्तान अकसर एक-दूसरे के मछुआरों को समुद्री सीमा पार करने के आरोप में गिरफ्तार करते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, शनिवार दोपहर तक इन 22 मछुआरों को अटारी-वाघा बॉर्डर पर मत्स्य पालन विभाग की टीम को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें ट्रेन से गुजरात भेजा जाएगा।
मछुआरों को जेल में झेलनी पड़ती है मुश्किलें
अक्सर मछली पकड़ते समय मछुआरों को यह अंदाजा नहीं होता कि वे किसी दूसरे देश की सीमा में प्रवेश कर चुके हैं। पकड़े जाने के बाद उन्हें जेल में रखा जाता है, जहां कई बार उन्हें प्रताड़ित भी किया जाता है। बताया जाता है कि कुछ मछुआरों को दिनों तक भूखा रखा जाता है।
पाकिस्तानी एजेंसी ने किया था गिरफ्तार
इन मछुआरों को पाकिस्तान मैरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी (PMSA) ने कच्छ तट के पास अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, अब वे अपनी सजा पूरी कर चुके हैं। भारत सरकार ने उनकी नागरिकता की पुष्टि कर दी है, जिसके बाद पाकिस्तान उन्हें रिहा कर रहा है।
- UP वालों जरा बच के! बनारस और प्रयागराज समेत इन जनपदों में आज जमकर बरसेंगे बादल, गरज-चमक के साथ भारी बारिश के आसार
- ट्रंप और मस्क के जुबानी जंग के बीच Teslaके शेयरों में बड़ी गिरावट, Elon Musk को हो सकता है अरबों का नुकसान
- Bihar Weather: बिहार में मानसून का तांडव, मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात!
- Ayodhya Ramlala Aarti Live Darshan 2 July: श्री रामलला सरकार का दिव्य श्रृंगार, यहां कीजिए अलौकिक दर्शन
- 2 जुलाई महाकाल भस्म आरती: बाबा महाकालेश्वर के मस्तक पर चंद्र, शेषनाग अर्पित कर शृंगार, यहां कीजिए दर्शन