नासिर बैलिम, उज्जैन। श्रावण मास का आज तीसरा सोमवार है। 12 ज्योतिर्लिंगों में एक बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। दूर दूर से लोग बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। कोरोना के कारण बाबा महाकाल की भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। दर्शन के लिए मंदिर समिति ने नियम बनाएं हैं। जिनके तहत वैक्सीनेटेड लोग ही बाबा के दर्शन कर सकेंगे।

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रात 2.30 बजे से बाबा महाकाल की भस्मारती शुरू हुई । जिसके बाद श्रद्धालुओं को सुबह 5 बजे से प्रवेश दिया गया है। आज शाम 4 बजे बाबा महाकाल की सवारी भी निकाली जाएगी। कोरोना के कारण सवारी मार्ग बदलकर छोटा कर दिया गया है। सवारी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।

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भस्मारती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया जिसमे दूध ,दही ,घी ,शहद व फलों के रसों से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए। तत्पशचात बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्मार्ती की गई। यहां दर्शन के लिए मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं के लिए समय तय किया है। जिसके तहत सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक एवं शाम 7 से रात 9 बजे तक ही दर्शन हो सकेंगे।

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श्रावण माह में प्रतिदिन 5000 श्रद्धालुओं को ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही वीआईपी शुल्क 250 रूपए की भी व्यवस्था की गई है। यहां विशेष प्रोटोकॉल के माध्यम से भी श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। यहां नियम कायदों के तहत उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। जिनके पास वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट है। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं। इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है।

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