भगवान धन्वंतरि स्वास्थ्य और आरोग्य के देवता हैं. धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के पूजन का विशेष महत्व है. इंदौर में भगवान धन्वंतरि का 185 साल पुराना मंदिर है, जहां धनतेरस पर बड़ी संख्या में वैद्य और अन्य लोग दर्शन के लिए आते हैं. इसके साथ ही वैद्य द्वारा बनाई गई कोई सी भी नई जड़ी बूटी दवा को सबसे पहले भगवान धन्वंतरि को अर्पित किया जाता है. जिससे इसमें सिद्धि एवं रोग को पूर्ण रूप से ठीक करने का आशीर्वाद मिल जाए.
धनतेरस पर आयुर्वेदिक की सभी संस्थाओं के पदाधिकारी मंदिर में आते हैं. धनतेरस पर धन्वंतरि का पूजन करने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ होता है. यहां पर गंभीर बीमारी वाले भक्त भी आते हैं और पूजन करते हैं. पूजन करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और आरोग्य देह प्राप्त होती है. Read More – Bigg Boss 17 : Isha Malviya और Samarth Jurel ने घर में की हदें पार, वायरल हो रहा Video …
कई वैद्य दवाइयां और जड़ी-बूटी लेकर आते हैं. वे भगवान के समक्ष इन्हें रखते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से दवाइयां व जड़ी-बूटी सिद्ध होती हैं. यहां भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा तीन फीट ऊंची है. Read More – 35 साल के हुए Virat Kohli : क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खूब चला विराट का बल्ला, ये हैं उनके 35 खास रिकॉर्ड …
जयपुर के मार्बल से इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है. आड़ा बाजार स्थित मंदिर में नीचे राधा-कृष्ण का मंदिर है, जबकि पहली मंजिल पर भगवान धन्वंतरि विराजमान हैं. राज्य वैद्य पं. लक्ष्मीनारायण त्रिवेदी ने185 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की थी.
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