यह खबर कॉफी के शौकीन लोगों के लिए निराशा वाली हो सकती है. एक अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग रोजाना दो कप कॉफी पीते हैं, उनको कई साल बाद नींद के लिए जूझना पड़ता है. इसमें कहा गया है कि ज्यादा कॉफी पीने से दिमाग का वह हिस्सा सिकुड़ जाता है,  जो नींद को नियंत्रित करता है. ब्रिटेन के लोगों पर आधारित है. इसके मुताबिक ब्रिटिश लोग कॉफी के दीवाने होते हैं और यह हर रोज 9.5 करोड़ कप कॉफी पी जाते हैं.

एजेंसी.  यह अध्ययन दक्षिण कोरिया की सोल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने किया है. इसके लिए विशेषज्ञों ने लोगों के दिमाग का स्कैन लेकर उसकी पड़ताल की. शोधकर्ता कुछ बुजुर्गों की नींद न आने की समस्या के बारे शोध कर रहे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि हो सकता है रोज दो कप कॉफी पीने का असर आपको 30 साल बाद तक भी न पता चले.

विशेषज्ञों के मुताबिक दिमाग के बीच में मौजूद पिनीअल ग्रंथि एक मटर के दाने के बराबर अंग होता है. इससे शरीर के आराम की अवस्था में पहुंचने पर नींद में आने पर मेलाटोनिन नाम का हॉर्मोन निकलता है. विशेषज्ञों का कहना है कि जितना छोटा यह ग्लैंड होगा, उतना ही कम मेलाटोनिन का उत्पादन होगा.  सभी जानते हैं कि कैफीन छोटी अवधि में दिमाग को उत्तेजित करता है. इसे अपनी तरह का पहल अध्ययन माना जा रहा है, जिसमें नींद में खलल का असर इतनी लंबी अवधि में देखा गया है. शोधकर्ताओं ने इसके लिए 162 बुजुर्ग स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं पर अध्ययन किया. उनसे रोजाना कॉफी पीने की आदत और नींद से जुड़े हुए सवाल किए गए.

इसके बाद इन सभी के दिमाग का एमआरआई स्कैन कर पिनीअल ग्लैंड के आकार के बारे में जांच की गई. उन्होंने देखा कि कॉफी पीने वालों के पिनीअल ग्लैंड न पीने वालों के मुकाबले 20 फीसदी छोटे थे. यह अध्ययन स्लीप पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है.