मध्यप्रदेश में अन्नदाता खुश नहीं है। किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। परेशान किसानों का गुस्सा प्रशासन के खिलाफ फूट रहा है। किसानों ने जहां बीमा कंपनियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, वहीं कलेक्ट्रेट में भी जमकर नारेबाजी की। इधर एक किसान की शिकायत से तंग आकर प्रशासन ने उसे आदतन शिकायतकर्ता घोषित कर दिया है। इससे नाराज किसान ने न्यायालय जाने की बात कही है।
मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। बुरहानपुर के एक किसान को जिला प्रशासन ने आदतन शिकायतकर्ता घोषित कर दिया है, जिसके बाद किसान जगन्नाथ ने अपना अपमान मानते हुए न्यायालय में जिला प्रशासन के खिलाफ मानहानि का केस ठोकने की बात कही है। जानकारी के अनुसार किसान जगन्नाथ 2015 से शिकायतें कर रहा है, किसान का खेत पांच पुल गारबड़ी के पास है। जंगली सूअर खेत को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान द्वारा इसकी करीब 250 बार शिकायत गई है। शिकायत करने में लगभग 1 लाख खर्च भी हुआ है। राजस्व विभाग उस नुकसान को 15 प्रतिशत बताकर कम मुआवजा देते हैं, जिसके चलते किसान का 2015 से लेकर अबतक करोड़ों का नुकसान हो चुका है। परेशान किसान ने आज फिर जनसुनवाई पहुंचे थे। उन्होंने मीडिया को अपनी पीड़ा सुनाई। किसान जगन्नाथ पाटिल ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मेरी कोई सुनवाई नहीं की जाती। उन्होंने कई बार सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो तहसीलदार ने सीएम हेल्पलाइन पर जबाब दिया कि किसान जगन्नाथ पाटिल झूठी शिकायत करने का आदी है, जिससे नाराज किसान ने अब जिला प्रशासन के खिलाफ न्यायालय में जाने की बात कही है।

वहीं इस मामले में कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कहा मीडिया द्वारा तथ्य संज्ञान में लाया गया कि किसान को मुआवजा नहीं मिला है। किसान द्वारा बार बार आवेदन दिये जा रहे हैं। मामले में टीम गठित करूंगा। जो नुकसान हो रहा है उसकी जांच की जाएंगी। किसान की समस्या का हल निकालने का प्रयास करेंगे।

इमरान खान, खंडवा। कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों ने फसल बीमा की राशि नहीं मिलने से जमकर हंगामा मचाया। नाराज किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर फसल बीमा का पुतला जलाया। किसानों का आरोप है कि मंच पर बुलाकर चेक बांटे थे, उनके खातों में अब तक राशि नही आई है।

बीमा कंपनियों के खिलाफ फूटा गुस्सा

दीपक कौरव, नरसिंहपुर। भारतीय किसान संघ ने फसल बीमा की राशि नहीं मिलने को लेकर जिला मुख्यालय में विरोध दर्ज कराया। किसानों का कहना है बीमा कंपनियां किसानों की फसलों का बीमा करती हैं किसानों से पैसा लेती हैं लेकिन बीमा की राशि के बतौर बेहगद कम राशि उनके खातों में दी जाती है। यह राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इसी का विरोध करते हुए भारतीय किसान संघ ने जिला मुख्यालय पर जुलूस निकाला। बीमा कंपनियों के खिलाफ नारेबाजी की। इतना ही नहीं इन्होंने बीमा कंपनियों का पुतला भी फूंका। बीमा राशि की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कहा कि बीमा कंपनियां किसानों का शोषण कर रही हैं। जानकारी राकेश खेमरिया, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ नरसिंहपुर ने दी।

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