शब्बीर अहमद, भोपाल। मोदी सरकार (Modi government) सोमवार को इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल- 2022 (Electricity Amendment Bill) लोकसभा में पेश कर सकती है। बिजली के निजीकरण के लिए संसद में रखे जाने वाले बिजली संशोधन विधेयक- 2022 के विरोध में कल एमपी के 70 हजार बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बिल के विरोध में मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम (Madhya Pradesh United Forum) के नेतृत्व में एमपी के नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग के सभी कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। बिजली कर्मचारी बिल के विरोध मे कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। सरकार को हड़ताल पर जाने की सूचना भी दे दी है।
बता दें कि यह विधेयक देश के मौजूदा बिजली वितरण क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकती है। साथ ही समूचे बिजली सेक्टर में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी को और बढ़ाने का रास्ता खुल सकता है। पूरे देश में पहली बार बिजली ग्राहकों को एक से ज्यादा बिजली वितरण कंपनियों को चुनने का विकल्प खोल सकता है। विधेयक के जरिए सरकार केंद्र और राज्यों के बिजली नियामक आयोग के ढांचे में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लाया जाएगा।
सरकार की तरफ से उक्त संशोधन विधेयक पेश करने के संकेत दिए जाने के साथ ही देशभर में इसका विरोध की घोषणा की गई है। बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों के राष्ट्रीय सेमिनार में प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है। तमिलनाडु, तेलंगाना व पश्चिम बंगाल की सरकारों की तरफ से इस विधेयक के खिलाफ बयान जारी किये जा चुके हैं।
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