वीडी की टीम बीजेपी से आगे
कामकाज के मामले में वीडी की टीम बीजेपी से आगे है। बीते दिनों ये बात एक बार फिर साबित हुई है। दरअसल, कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अलग-अलग लेकिन एक ही वक्त में सीधे वीडी शर्मा पर व्यक्तिगत हमला बोल दिया। निशाने पर वीडी शर्मा आ गए। दिग्गी के हमले पर तो बीजेपी ने पार्टी फोरम पर जवाब देकर इतिश्री कर ली। लेकिन कमलनाथ के निक्कर वाले बयान के बाद जवाब नहीं आया। इसके बाद वीडी की टीम ने मोर्चा संभालकर चौतरफा हमला बोल दिया। नतीजा ये हुआ कि हम भी निक्करधारी हैशटैग ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा। इससे वीडी की टीम की ताकत एक बार फिर साबित हुई है। हालांकि वीडी की टीम बीजेपी से अलग कोई टीम नहीं है, ये टीम भी बीजेपी के अंदर ही है। लेकिन अब तक वीडी के लिए खुलकर कभी सामने नहीं आयी। ये वह टीम है जो वीडी के साथ एबीवीपी के ज़माने से साथ है। आज ये टीम बीजेपी का हिस्सा बनकर काम कर रही है। पहली बार पार्टी के अंदर वीडी की टीम ने अपनी ताकत का एहसास कराया है।

भिंड-दतिया कांग्रेस में अदावत
ऊपरी स्तर पर कांग्रेस भले ही गुटबाजी से इनकार करती रही हो, लेकिन निचले स्तर पर गुटबाजी गाहे-बगाहे खुलकर नजर आ जाती है। अरुण यादव की खंडवा से टिकट पर मुखालफत का मामला हो तो यादव के दुश्मन और कमलनाथ-दिग्गी के गुट ने अरुण के खिलाफ मोर्चा खोलने में कसर नहीं छोड़ी थी। अब यही बात भिंड और दतिया में सामने आ रही है। दतिया में जिला अध्यक्ष भले ही कमलनाथ की पसंद के बने हों, लेकिन क्षेत्रीय दिग्गज डॉ.गोविंद सिंह के साथ जिलाध्यक्ष की मुखालफत खुलकर सामने आ रही है। इसी तरह भिंड में भी डॉ.गोविंद सिंह ने अपने गुट का एहसास कराया और पूर्व विधायक हेमंत कटारे के एक कार्यक्रम में कमलनाथ के करीबी बड़े नेताओं के आने पर नाराज़गी जाहिर कर दी। डॉ.गोविंद सिंह के तेवर देख ग्वालियर-चंबल अंचल के दौरे पर रहने के बावजूद दिग्गजों ने भिंड में हेमंत कटारे के कार्यक्रम से दूरी बनाना ही मुनासिब समझा। चर्चा ये है कि निचले स्तर पर भड़क रही गुटबाज़ी और अदावत कहीं चुनाव तक कांग्रेस का बेड़ा गर्क नहीं कर दे।

RRDA में निकला चढ़ौत्री आदेश !
अब चर्चा एक ऐसे आदेश की जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने मंत्री-अफसरों के घर दस्तक देने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है। मामला RRDA यानी ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण में डेपुटेशन पर बैठे करीब 150 इंजीनियरों को वापिस बुलाने का है। पिछले दिनों ये आदेश निकालकर कहा गया कि RRDA में 20-20 साल से जमे अफसरों को अब वापिस बुला लिया जाए। आमतौर पर ये आदेश हर दो-तीन साल में निकल ही जाता है। पर मजाल है एक भी अफसर टस से मस हो जाए। इस बार भी इस आदेश के ऐसे ही हश्र की आशंका जताई जा रही है। सुना है इस आदेश के पीछे जल्द आने वाली दीवाली है। त्योहारी मौसम में ऐसे आदेश के यही मायने निकाले जाते हैं। RRDA को कमाऊ विभाग कहा जाता है। जिसमें ‘करने’ की काफी गुंजाइश होती है। ‘करने’ से रोकने के लिए कोई आदेश निकलता है तो अफसर के लिए कुछ ‘कर’ दिया जाता है। देखना है, बीस साल से केवल RRDA में जमे अफसरों का तबादला इस बार होता है या नहीं।

मामला थाने में , विभाग में क्लीन चिट
शिक्षा विभाग में भोपाल में पदस्थ एक अफसर पर उनकी ही अधीनस्थ महिला कर्मचारी द्वारा यौन प्रताड़ना के आरोप में विभागीय जांच पूरी हो गयी है। जांच में आरोपी अफसर को क्लीन चिट दे दी गई है। जबकि महिला ने बयान अब तक नहीं बदला है। ऐसे में विभागीय जांच का एक तरफा आदेश शंका के दायरे में आ गया है। जबकि पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में फिलहाल जांच जारी है और शिकायतकर्ता महिला भी अपने बयानों पर अडिग है। दरअसल, ये जांच शुरुआत से ही सवालों के घेरे में रही है। पहले विभाग ने जांच कमेटी में 4 महिलाओं के साथ आरोपी अधिकारी को भी शामिल कर लिया था। सवाल उठे तो संयुक्त संचालक ने खुद जांच की कमान अपने हाथ में ली। अब जांच पूरी हो गई है तो आरोपी अधिकारी को क्लीन चिट दे दी गई है। अब कर्मचारी संगठनों ने मामले को तूल देने की तैयारी शुरु कर दी है।

जेरोक्स के लिए भी मोहताज सीएम राइज़ स्कूल
जोरशोर से शुरू किए गए सीएम राइज़ स्कूल में बजट के ज़बरदस्त लाले पड़ गए हैं। यहां फोटो कॉपी कराने के लिए भी बजट की कमी महसूस की जा रही है। आलम ये है कि कई जगहों पर भृत्य और स्वीपर का काम करने के लिए बाहर से आउटसोर्स की गई एजेंसी भी भुगतान के अभाव में काम बंद कर चुकी है। यानी सीएम राइज़ स्कूल में गंदगी और बदबूदार माहौल व्याप्त हो गया है। भोपाल से सीएम राइज स्कूल में तो बिजली बिल जमा नहीं कर पाने पर बिजली लाइन ही काट दी गई थी। किसी तरह उसे चालू कराया गया। लेकिन बाकी का काम प्रभावित हो रहा है। दरअसल, इन स्कूल को पहले संकुल की तरफ से बजट मुहैया कराया जाता था। अब पृथक स्कूल प्रणाली की वजह से यहां सरकार से सीधे बजट का प्रावधान कर दिया गया। लेकिन ये बजट अब तक सीएम राइज स्कूल पहुंच नहीं पाया है। नतीजा ये है कि इस स्कूल को विशेष स्कूल बनाने वाले सीएम शिवराज और मंत्री इंदर सिंह परमार के दावे विभागीय समन्वय के अभाव में धराशायी होते नजर आ रहे हैं।

दुमछल्ला…
इस वक्त बीजेपी हो या कांग्रेस पूरी तरह चुनावी तैयारी में जुटी हुई है। किसी नेता को खाने-पीने की भी फुर्सत नहीं है। लेकिन एक राजनैतिक दल का प्रत्याशी शाम होते ही जुआ खेलने में मस्त हो जाता है। जबकि चुनाव क्षेत्र में नेताओं ने घर-परिवार छोड़कर बाहर से आकर डेरा डाल रखा है। लेकिन प्रत्याशी का टाइम टेबल फिक्स है। जानकारी के लिए ये भी बता दें कि जिस जगह वो बिजी हो जाते हैं, उसका नाम है मॉडर्न क्लब।

(संदीप भम्मरकर की कलम से)