हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश में एक अनोखा घोटाला मामला सामने आया है। ये मामला वन विभाग से जुड़ा हुआ हैं जहां से पेड़ों की चोरी का खुलासा हुआ हैं। मांडू की इमली यानी खुरासानी इमली, कल्प वृक्ष के 19 पेड़ चेन्नई में बन रहे ईको पार्क में उगाए जाने के लिए भेजे गए थे, लेकिन वहां जो ट्रक पेड़ लेकर पहुंचे, उसमें सिर्फ 11 पेड़ ही निकले। 8 पेड़ कहां गए, वहां क्यों नहीं पहुंचे, अब इसकी जांच की जा रही है।

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दरअसल, ये पूरा मामला धार जिले के मांडू का है। जहां पाए जाने वाली खुरासानी इमली कल्प वृक्ष के 19 पेड़ चेन्नई में बना रहे इको पार्क में उगाए जाने के लिए भेजे गए थे। लेकिन वहां जो ट्रक पेड़ लेकर पहुंचे उसमें सिर्फ 11 ही पेड़ निकले। 8 पेड़ कहां गायब हो गए इसका पता नहीं चला। अब गयाब हुए पेड़ों को लेकर राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया है। जो की इस पूरे मामले की जांच करने में जुटी हुई है।

कमेटी पता लगा रही है कि, पेड़ जब मांडू से लोड हुए तो चेन्नई तक कैसे नहीं पहुंचे। एक बात यह भी सामने आ रही है कि, मांडू स्थित कोदरिया में आलू की चिप्स के कारखाने में लकड़ी सप्लाई की गई है। वन विभाग ने बगैर टीपी के एक गाड़ी भी पकड़ी है। जिसके बाद ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कहीं खुरासानी इमली के पेड़ को काटकर तो वहां सप्लाई नहीं कर दिया गया।

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बतादें कि, खुरासानी इमली के सबसे ज्यादा पेड़ प्रदेश के मांडू में ही पाए जाते हैं। चेन्नई और हैदराबाद के लिए वन विभाग का हमला मांडू आया था। खत्म हो रही खुरासानी इमली के पेड़ को देश भर में फैलने के उद्देश्य से यहां के पेड़ को वहां पर ट्रांसफर करने की सहमति बनी थी। इसी कड़ी ने मांडू में 19 पेड़ चिन्हित किए गए थे। जिन्हें चेन्नई भेजा गया था।

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