रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों को वृक्षों वाली भूमि के कारण रजिस्ट्री में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए नया आदेश जारी किया है. अब रजिस्ट्री में भूमि पर वृक्ष का मूल्यांकन नहीं होगा, इससे रजिस्ट्री शुल्क के साथ पटवारी के पास चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी. यह भी पढ़ें : देसी टॉक कवि सम्मेलन 5.0 : वीर रस के कवि डॉ. हरिओम पंवार, जिनकी कविता से हिलती है सत्ता…
बता दें कि अब तक भूमि पर लगे वृक्ष का भी रजिस्ट्री के दौरान हिसाब देना होता था. इसमें सागौन, सरई जैसे मूल्यवान लकड़ियों के पेड़ों के लिए दर निर्धारित थी, जो भूमि के गाइडलाइन रेट में जुड़ जाती थी.
इस कवायत से रजिस्ट्री शुल्क में वृद्धि तो होती ही थी, लेकिन उससे ज्यादा परेशानी पटवारियों के पास बिना वृक्ष की भूमि के प्रमाणपत्र बनाने में होती थी. पटवारी इस छोटी सी कवायद के लिए बार-बार चक्कर लगाते थे, और आखिर में लेन-देन से ही बात बनती थी.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक