सुशील सलाम, कांकेर। आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की संदिग्ध मौत के मामले में कांग्रेस की सात सदस्यीय जांच टीम आज कांकेर जिला जेल पहुंची। टीम ने जेल में पदस्थ जेलर से मुलाकात कर पूरी स्थिति की जानकारी ली। टीम की संयोजक पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि जेलर हाल ही में पदस्थ हुए हैं इसलिए उन्हें मामले की पर्याप्त जानकारी नहीं थी।

जांच दल जिला अस्पताल भी पहुंचा और उन डॉक्टरों से मिलने का प्रयास किया, जिन्होंने ठाकुर का उपचार किया था। भेड़िया ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने मुलाकात से इनकार कर दिया और किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की। उनके अनुसार “15 दिनों के भीतर दो बार अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद जीवन ठाकुर की बीमारी को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। ऐसा लग रहा है कि ऊपर से दबाव है, चाहे जेलर हो या डॉक्टर, सभी किसी न किसी दबाव में हैं।

जांच टीम ने यह भी आरोप लगाया कि मिलने का निर्धारित समय होने के बावजूद जीवन ठाकुर के बेटे को उनसे मिलने नहीं दिया गया। पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया ने कहा कि उनके व्यवहार से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो शासन ने जीवन ठाकुर को किसी बड़े अपराधी की तरह ट्रीट किया हो।

अनिला ने सरकार की लापरवाही को बताया मौत का जिम्मेदार

अनिला भेड़िया ने जेल प्रशासन और राज्य सरकार की गंभीर लापरवाही को ठाकुर की मौत का जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा समय पर न खाना दिया गया, न दवाई। ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्या होने के बावजूद उचित उपचार नहीं मिला। यह स्पष्ट तौर पर प्रशासनिक लापरवाही का मामला है।

जानिए क्या है मामला

बता दें कि जमीन विवाद के मामले में 12 अक्टूबर 2025 को कांग्रेस नेता और चारामा के पूर्व जनपद अध्यक्ष जीवन ठाकुर को गिरफ्तार कर कांकेर जेल में रखा गया था। उन्हें 2 दिसंबर को बिना सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया था। जेल प्रशासन के अनुसार, इसी बीच उनकी तबीयत खराब होने से तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 4 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। वहीं अब मामले में परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी। सही समय पर इलाज होता तो उनकी जान बच जाती।

मामले की होगी न्यायिक जांच

परिजनों का कहना है कि बिना सूचना के कांकेर से रायपुर जेल भेजा गया, जिसके कारण उनकी मौत हुई है। वहीं जेल प्रशासन का कहना है कि तबीयत बिगड़ने से कैदी की मौत हुई है। बता दें कि कांग्रेस नेता और चारामा के पूर्व जनपद अध्यक्ष जीवन ठाकुर वन अधिकार पट्टा घोटाले में जेल में थे। वहीं अब इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर ने जांच का आदेश जारी किया था।