इमरान खान/ शंकर राय/नीलेश भानपुरिया, खंडवा/बैतूल (भैंसदेही)/झाबुआ। World Tribal Day 2022: आज विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश के आदिवासी बाहूुल्य जिलों में आदिवासी समाजस के लोग विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। विश्व आदिवासी दिवस पर पारंपरिक वेशभूषा में हाथों में तिरंगा लेकर समाज के लोगों ने रैली निकाली। वहीं आदिवासी गीतों पर युवतियां-महिलाएं जमकर थिरकी।

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खरगोन में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर आदिवासी समाज के लोगों ने रैली निकाली। रैली में काफी में संख्या में समाज के युवा शामिल हुए। पारंपरिक वेशभूषा में युवतियां आंखों में चश्मा लगाकर आदिवासी गीतों पर जमकर थिरके। बड़ी संख्या संख्या में आदिवासी भाई–बहन रैली में शामिल हुए। रेली में तिरंगा हाथों में लेकर चल रहे थे युवा देशभक्ति का संदेश दे रहे थे।

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बैतूल जिले के भैंसदेही में विश्व आदिवासी दिवस पर समाज के लोग सफेद धोती, सफेद कुर्ता और सिर पर आदिवासी साफा बांधकर रैली निकाली। रैली में कांग्रेस के भैसदेही विधायक धरमू सिंग सिरसाम भी शामिल हुए। रैली में शामिल हुए विधायक युवाओं के डांस को देखकर खुद को नहीं रोक सके और रैली में जमकर डांस किया। विधायक का डांस जमकर वायरल हो रहा है।

विश्व आदिवासी दिवस पर बैतूल के भैसदेही मैं आरक्षित सीट से दूसरी बार विधायक चुने गए धरमू सिंग सिरसाम का आदिवासी युवकों के साथ अपनी सामाजिक वेशभूषा में किया गया डांस जिसने भी देखा वो विधायक जी के ठेठ आदिवासी अंदाज पर उनकी तारीफ किये बिना नहीं रहा। भैसदेही में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजन में पहुचे विधायक धरमु सिंग सिरसाम ने जब अपने सामाजिक परिवेश डीजे की धुन पर युवकों को डांस करते देखा तो वे खुद को रोक नहीं सके और फिर वे भी समाज के युवाओं के रंग में रंग गए। उन्होंने आदिवासी समाज के प्रसिद्ध ढंढार नृत्य का करीब आधा घंटा लुत्फ उठाया। इधर बैतूल में भी आदिवासी समाज ने बड़ी रैली का आयोजन किया।

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झाबुआ में विश्व आदिवासी दिवस पर पूरे जिले में उत्साह का माहौल। आदिवासी नृत्य झाबुआ की संस्कृति और स्थानीय वेशभूषा से परिपूर्ण हो कर रैली निकाली। बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग सहित जयस, बीटीपी और कांग्रेस पार्टी के लोग हुए आयोजन में शामिल हुए। जिला मुख्यालय झाबुआ में रैली निकालने के साथ दिलीप सिंह भूरिया ने महात्मा गांधी और आदिवासी जननायक नेता टंट्या मामा स्मारक स्थल पहुंचकर माल्यार्पण किया। डीजे और ढोल मांदल की थाप के साथ शहर के प्रमुख चौराहों से होते हुए रैली उत्कर्ष मैदान आम सभा स्थल पर पहुंची। कई संगठनों के दिग्गज उत्कर्ष मैदान पर आम सभा को संबोधित किया। आदिवासियों की अस्मिता जल जंगल जमीन से जुड़ी हुई हैं, वन जंगल पेड़ पौधे की सुरक्षित रक्षा ही आदिवासी सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करते हैं।

एमपी की कुल जनसंख्या का 20 प्रतिशत आबादी आदिवासी

एमपी की कुल जनसंख्या की लगभग 20 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। जनगणना 2011 के मुताबिक, मध्यप्रदेश में 43 आदिवासी समूह हैं। इनमें भील-भिलाला आदिवासी समूह की जनसंख्या सबसे ज्यादा 59.939 लाख है। इसके बाद गोंड समुदाय का नंबर आता है, जिनकी आबादी 50.931 लाख हैं। इसके बाद कोल (11.666 लाख), कोरकू (6.308 लाख) और सहरिया (6.149 लाख) का नंबर आता है।

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