टोमनलाल सिन्हा, मगरलोड। पेसा कानून के क्रियान्वयन सहित कई मांगों को लेकर एक बार फिर आदिवासी लामबंद होने लगे हैं. धमतरी जिले के मगरलोड और नगरी विकासखंड के 134 वनग्राम में निवास करने वाले अपनी इन्हीं मांगों को लेकर राजधानी रायपुर तक पदयात्रा करेंगे. बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल में प्रदर्शन करेंगे.

दोनों विकासखंड के 134 वनग्रामों की विशेष बैठक दुगली में हुई. जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण और संघर्ष समिति के पदाधिकारी शामिल हुए. वनग्राम संघर्ष जिला समिति धमतरी के अध्यक्ष जगन्नाथ मंडावी ने बताया कि मुख्य रूप से पांचवी अनुसूचि क्षेत्र सिहावा नगरी में 24 दिसम्बर 1996 के लागू पेसा कानून पूर्णरूप से शासन द्वारा भली भाँति क्रियान्वयन किया जावे, सामुदायिक संसाधन वन संसाधन का अधिकार दिया जावे, वनग्रामों को तत्काल पूर्णत: राजस्व का दर्जा दिया जाए,सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं सड़क, पेयजल, बिजली, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, के साथ ही विकास कार्य की मांग,नगरी से दुगली गट्टासिल्ली, सिंगपुर सोंढूर बाँध का नहर विस्तार, पाँचवी अनुसूचि क्षेत्रों में उच्च पदों पर आदिवासी अधिकारी की नियुक्ति की जाए, बांधो से विस्थापित परिवारों को उचित ब्यवस्थापन के साथ उचित मुआवजा दिया जाए,वनग्रामों की किसानों की कर्ज माफी में भेदभाव,धान खरीदी का समय 28 फरवरी तक बढ़ाया जाये जैसे वनग्रामों की विभिन्न समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए अहम निर्णय लिए गए.

उन्होंने कहा कि जिले की वनग्रामों की गंभीर समस्याओं को शासन प्रशासन तक निरंतर अवगत करा चुके हैं, पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई इसलिए जिला समिति ने निर्णय लिया है की आगामी 27 फरवरी को सिहावा नगरी से 134 वनग्रामों के ग्रामीण अपने  परिवार सहित पदयात्रा कर राजधानी के लिए प्रस्थान करेंगे। 28 फरवरी को राजधानी के बूढ़ातालाब में प्रदर्शन करेंगे.