अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने का क्रेडिट दिया है। उन्होंने कहा कि दोनों देश संभवतः परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहे थे। ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब वे रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने वाले हैं। ट्रंप गुरुवार को इस मुलाकात के बारे में जानकारी दे रहे थे, इसी दौरान उन्होंने भारत-पाकिस्तान के हालिया संघर्ष का जिक्र किया और इसे रोकने का क्रेडिट भी खुद को दिया है। हालांकि, भारत ने ट्रंप के युद्धविराम के दावों को बार-बार खारिज किया है।
‘6 या 7 जेट…’ बदल गए ट्रंप के सुर!
गुरुवार को ओवल ऑफिस में मीडिया से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘अगर आप पाकिस्तान और इंडिया को देखें… प्लेन एक-एक करके गिर रहे थे. छह या सात प्लेन मार गिराए गए. हालात इतने टेंशन में थे कि न्यूक्लियर वार भी हो सकती थी. हमने उसे रोका.’ ट्रंप ने आगे कहा, ‘मैंने पिछले छह महीने में छह वॉर सॉल्व किए हैं. इनमें से एक 37 साल से चल रहा था और एक अफ्रीका में 31 साल से. मैंने सिर्फ रोका नहीं, बल्कि शांति करवाई. इंडिया-पाकिस्तान वाला मामला भी उसी में था.’
आज अलास्का में पुतिन से मिलेंगे ट्रंप
ट्रंप ने ये बयान ऐसे वक्त पर दिया, जब उनका अगले दिन अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने का प्रोग्राम है. वो इस मीटिंग को लेकर पॉजिटिव दिखे लेकिन उन्होंने कहा कि असली अहम मीटिंग तब होगी जब पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की आमने-सामने बैठेंगे. ट्रंप ने कहा, ‘कल हमारी (रूसी) राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठक है. मुझे लगता है कि यह एक अच्छी बैठक होगी, लेकिन ज़्यादा महत्वपूर्ण दूसरी बैठक होगी… हम राष्ट्रपति पुतिन, राष्ट्रपति जेलेंस्की और मेरे साथ बैठक करेंगे… देखते हैं कि वे आपस में मिल पाते हैं या नहीं. मुझे लगता है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति स्थापित कर लेंगे.’
रूस-यूक्रेन युद्ध को बताया सबसे कठिन
रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में बात करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कह कि उन्होंने सोचा था कि इसका अंत ‘सबसे आसान’ होगा लेकिन यह ‘असल में सबसे कठिन’ है। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन एक समझौता देखना चाहेंगे। मुझे लगता है कि ‘अगर मैं राष्ट्रपति नहीं होता तो वह पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लेते। उन्होंने यह भी कहा कि इस युद्ध की कोई वजह नहीं है। अगर वे राष्ट्रपति होते तो यह कभी शुरू नहीं होता।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि राष्ट्रपति पुतिन शांति स्थापित करेंगे। राष्ट्रपति जेलेंस्की शांति स्थापित करेंगे। हम देखेंगे कि क्या वे साथ मिलकर काम कर सकते हैं। अगर वे ऐसा कर पाते हैं, तो बहुत अच्छा होगा।’ ट्रंप ने यह भी कहा कि पुतिन के साथ दूसरी बैठक ज्यादा महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि पहली बैठक में उन्होंने मंच तैयार किया है। दूसरी बैठक में उनके और पुतिन के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और कुछ यूरोपीय नेता भी शामिल हो सकते हैं।
IAF चीफ ने क्या खुलासा किया था?
बेंगलुरु में एक इवेंट के दौरान इंडियन एयरफोर्स चीफ ने पहली बार ऑफिशियल तौर पर कन्फर्म किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने बताया कि भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने कम से कम 5 पाकिस्तानी फाइटर जेट मार गिराए. साथ ही पाकिस्तान का एक एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) एयरक्राफ्ट भी ढेर हुआ. ये सब 300 किमी दूर से हुआ.
IAF चीफ ने ऑपरेशन के पहले और बाद की सैटेलाइट तस्वीरें भी दिखाईं. इनमें साफ नजर आया कि टारगेट पूरी सटीकता से हिट हुआ. जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर तबाह हो गया, लेकिन आसपास की बिल्डिंग्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा, ‘हमारे पास न सिर्फ सैटेलाइट इमेज थीं, बल्कि लोकल मीडिया से मिली अंदर की तस्वीरें भी थीं, जिससे हमें ग्राउंड लेवल पर डिटेल्स मिलीं.’
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