Trump China Deal Market Impact: सोमवार की सुबह वैश्विक बाजारों में सन्नाटा कुछ गहरा लगा. भारत के गिफ्ट निफ्टी में शुरुआती कारोबार में मामूली गिरावट दिखी, जबकि एशियाई मार्केट्स ने मिश्रित संकेत दिए. दुनिया की नजर अब कच्चे तेल की दिशा और अमेरिका-चीन के बीच चल रही शर्तों की नई चाल पर है.

शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में डाओ लगातार छठे महीने चढ़कर बंद हुआ, जो 2018 के बाद पहली बार हुआ. नैस्डैक करीब 150 अंकों की छलांग के साथ मजबूती से उभरा, लेकिन यह बढ़त जितनी तेज थी, उतनी ही अनिश्चित भी.

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Trump China Deal Market Impact
Trump China Deal Market Impact

ट्रंप-चीन समीकरण: एक कूटनीतिक संतुलन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हालिया मुलाकात ने बाजार के मूड को नई दिशा दी. ट्रंप ने कहा, “जब तक मैं पद पर हूं, चीन ताइवान पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा.” इस बयान ने एशियाई निवेशकों के मन में कुछ राहत भरी, लेकिन साथ ही एक सवाल भी छोड़ दिया क्या यह वाकई भरोसेमंद समझौता है?

बैठक के बाद चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं लगाने और अमेरिकी चिप कंपनियों पर चल रही जांचें खत्म करने का ऐलान किया. यह संकेत था कि बीजिंग अब व्यापार युद्ध से बचना चाहता है या शायद बस अगले मोर्चे की तैयारी कर रहा है.

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Energy Alert: जब तेल तय कर रहा बाजार की चाल (Trump China Deal Market Impact)

OPEC+ देशों ने दिसंबर में उत्पादन 1.37 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने का फैसला किया है. हालांकि 2026 की पहली तिमाही में यह बढ़ोतरी रोक दी जाएगी. ब्रेंट क्रूड फिलहाल $64.97 प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है, जो ऊर्जा कंपनियों और निवेशकों दोनों के लिए चिंता का संकेत है. जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स दोनों को अब तेल के $60 से नीचे जाने की संभावना दिख रही है.

Asian Pulse: मिलाजुला लेकिन सतर्क कारोबार

  • गिफ्ट निफ्टी 32 अंकों की गिरावट के साथ फिसला
  • ताइवान इंडेक्स 0.03% की मामूली बढ़त पर
  • हैंगसेंग 0.48% ऊपर, कोस्पी 2.11% की उछाल पर
  • शंघाई कम्पोजिट हल्की गिरावट के साथ 3,947 के स्तर पर

निवेशक फिलहाल अमेरिकी आंकड़ों और चीन की नीतियों पर नज़र टिकाए हुए हैं. हर फैसला, हर संकेत अब सीधे बाजार की नसों को प्रभावित कर रहा है.

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Market Mood: विश्वास या भ्रम? (Trump China Deal Market Impact)

अमेरिकी डॉलर सूचकांक में 0.04% की गिरावट आई है, लेकिन यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर बना हुआ है. भारत में विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी है. पिछले कारोबारी सत्र में ₹6,769 करोड़ के शेयर बेचे गए. विश्लेषकों का कहना है “यह बाजार फिलहाल खबरों पर नहीं, भावनाओं पर चल रहा है.”

क्या तेल की नई चाल वैश्विक मंदी की भूमिका लिख रही है? क्या ट्रंप-चीन वार्ता एक अस्थायी शांति है या आने वाले तूफान का संकेत? और क्या गिफ्ट निफ्टी की गिरावट भारत के निवेशकों के लिए एक शुरुआती चेतावनी है? बाजार के इन सवालों के जवाब अभी आने बाकी हैं, लेकिन एक बात तय है, अर्थव्यवस्था अब सिर्फ आंकड़ों से नहीं, भू-राजनीति से भी तय हो रही है.

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