रायपुर। आखिरकार छत्तीसगढ़ में प्लास्टिक की चावल की जो खबरें आ रही थीं वो महज़ अफ़वाह साबित हुई. छत्तीसगढ़ शासन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कहीं भी प्लास्टिक चावल नहीं मिला है. ये महज़ एक अफवाह साबित हुआ है. इस बात की जानकारी स्वास्थ्य एवं खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की सचिव ऋचा शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी.
उन्होंने कहा कि फूड एंड सेफ्टी विभाग द्वारा 20 जिलों में चावल के सेंपल की जांच की गई थी. जिसमें कहीं भी प्लास्टिक की चावल नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि फिर भी ऐतियातन सरकार हर 6 महीने में चावल की लेबोरेटरी जांच कराएगी.
उन्होंने बताया कि तेलंगाना, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक में प्लास्टिक चावल कि ख़बर छपी थी जो अफवाह थी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के 96 स्थानों से नमूने लिए गए थे जिसमें से 80 के नतीजे आ गए हैं लेकिन नतीजों में कोई भी चावल प्लास्टिक का नहीं पाया गया. गौरतलब है कि दुर्ग, कांकेर, महासमुंद, जशपुर, जांजगीर चांपा में प्लास्टिक चावल की शिकायत आई थी.
उन्होंने कहा कि पीडीएस के चावल में प्लास्टिक के चावल नहीं हो सकते क्योंकि नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम के चावलों को मानकों पर खरा पाए जाने पर ही जमा किया जाता है. उन्होंने बताया कि पिछले साल करीब 85 हज़ार लॉट चावल विभाग के पास आए थे. जिसमें से करीब 1700 लॉट मानक पर खरा नहीं उतरने पर वापिस कर दिए गए. भारतीय आपूर्ति निगम के अधिकारी ओपी सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ का चावल को देश में सबसे अच्छा चावल बताया गया था.