रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को एक बातचीत के दौरान बच्चों को कोविड19 ​​और लॉकडाउन के प्रभाव से बचाने के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि बच्चे महामारी के प्रत्यक्ष शिकार नहीं हैं, लेकिन वे बाल शोषण और शोषण की चपेट में हैं. यूनिसेफ द्वारा इस इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट्स  के सदस्यों के साथ हाल ही में लॉन्च किए गए ‘डिजिटल टाउनहॉल फॉर चिल्ड्रन’ के तहत किया गया था.

उन्होंने कहा कि सरकार ने कई कदम उठाए हैं जैसे – घर पर बच्चों की निरंतर शिक्षा के लिए शिक्षा विभाग का ऑनलाइन पोर्टल, स्कूली बच्चों और 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सूखे राशन का प्रावधान. सभी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को उनके घर पर ही सूखा राशन प्रदान किया जाता है. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने माता-पिता से अपने बच्चों को बाल यौन शोषण, बच्चों के खिलाफ ऑनलाइन अपराधों, बाल श्रम और बाल विवाह से बचाने का आग्रह किया.

छत्तीसगढ़ के लिए यूनिसेफ कार्यालय के प्रमुख जॉब जकरियाह ने महामारी के दौरान भी निरंतर टीकाकरण सेवाओं की दिशा में सरकारी प्रयासों की सराहना की. उन्होंने विशेष रूप से एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं के लिए टीकाकरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे वो 15 बीमारियों से सुरक्षित रहेंगे.

ज़करिया ने कहा कि वैश्विक प्रमाण बताते हैं कि आपातकाल के दौरान बच्चे कुपोषण की गिरफ्त में आ सकते हैं. “इसलिए, पहले छह महीनों के लिए विशेष स्तनपान सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है, छह महीने की उम्र के बाद दिन में तीन-चार बार अर्ध-ठोस भोजन शुरू किया जाना चाहिए और बच्चों और महिलाओं को हर हफ्ते आयरन की गोली प्रदान की जानी चाहिए” उन्होंने कहा.

’डिजिटल टाउनहॉल फॉर चिल्ड्रन’ का आयोजन यूनिसेफ द्वारा मीडिया, युवाओं, अभिभावकों, इन्फ्लुएंसर्स और विशेषज्ञों के बीच वर्चुअल संवाद की सुविधा प्रदान करने के लिए किया है. पहल का उद्देश्य बच्चों को COVID19 के प्रभाव से बचाना है.