रायपुर। देश भर में नागरिकता संशोधन कानून( caa) और nrc को लेकर हो रहे विरोध के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने सीधे तौर कह दिया कि प्रदेश में एनआरसी लागू होने नहीं दिया जाएगा. एनआरसी के मामले में मोदी सरकार के खिलाफ मंत्री टीएस सिंहदेव की सिंहगर्जना सुनने को मिली है. उन्होंने एनआरसी का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि देश भर में एनआरसी लागू करने का फैसला मुर्खतापू्र्ण है.

एक तरह वो नागरिकता देने की बात करते और दूसरी ओर नागरिकता छिनने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्र सरकार का इस पूरे मामले में दोहरा रवैय्या साफ नज़र आ रहा है. केंद्र सरकार को अगर लगता है कि कहीं घुसपैठिया हैं तो उसे पहचानने के लिए ढेर सारे रास्ते हैं. सरकार ने आधार कार्ड से अब सबकुछ लिंक करा लिया है तो फिर एनआरसी लागू कर देशवासियों को परेशान करने की जरूरत क्या है ? छत्तीसगढ़ में एक बड़ी आबादी भूमिहीन है, उनके पास कागज नहीं है तो क्या उन्हें बाहर निकाल दिया जाएगा ?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए. यह निर्णय देश की एकता के खिलाफ है. इस फैसले से देश भर में आक्रोश बढ़ते जा रहा है. देश में अशांति का महौल इससे पैदा हो चुका है. केंद्र सरकार के इस निर्णय का हम खुलकर विरोध करते हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट किया है कि छत्तीसगढ़ में एनआरसी को स्वीकार नहीं किया जाएगा. हम सब इसके खिलाफ हैं. केंद्र के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ सरकार काम नहीं करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा करेगी. छत्तीसगढ़ में इस कानून के नाम खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.