Tulsi Pujan Diwas 2025: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. घर-घर में तुलसी को सिर्फ पौधा नहीं, बल्कि मां का रूप मानकर पूजा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि जहां तुलसी होती हैं, वहां नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.

आज तुलसी पूजन दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन का खास महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस वर्ष तुलसी पूजन दिवस गुरुवार को पड़ा है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और तुलसी माता भी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं. ऐसे में आज के दिन तुलसी की पूजा करना बहुत फलदायी माना गया है.

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Tulsi Pujan Diwas 2025
Tulsi Pujan Diwas 2025

तुलसी पूजन दिवस पर क्या करें?

तुलसी पूजन के दिन कुछ छोटे-छोटे नियमों का पालन करने से विशेष लाभ मिलता है. सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग भगवान विष्णु का प्रिय रंग है.

इसके बाद तुलसी माता के पास जाकर श्रद्धा भाव से पूजा करें. तुलसी के पौधे की 3 या 7 बार परिक्रमा करें. मान्यता है कि ऐसा करने से तुलसी माता और भगवान विष्णु दोनों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

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शाम के समय जरूर करें यह काम

सूर्यास्त के बाद तुलसी माता के पास गाय के घी का दीपक जलाएं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इससे घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक माहौल बना रहता है. कई लोग मानते हैं कि नियमित रूप से दीपक जलाने से घर में शांति और बरकत बनी रहती है.

तुलसी पूजन में किन बातों का रखें ध्यान?

तुलसी पूजन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी माना गया है.

  • बिना स्नान किए तुलसी माता को न छुएं
  • सूर्यास्त के बाद तुलसी में जल अर्पित न करें
  • रविवार, अमावस्या और एकादशी के दिन तुलसी को जल चढ़ाने से बचें
  • तुलसी के पत्ते तोड़ते समय मन में शुद्ध भाव रखें

इन नियमों का पालन करने से पूजा का पूरा फल मिलता है, ऐसा धार्मिक मान्यताओं में बताया गया है.

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तुलसी माता के सरल मंत्र

तुलसी पूजन के दौरान आप इन आसान मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

मंत्र: “ॐ तुलस्यै नमः”

इसके अलावा तुलसी माता की स्तुति भी की जाती है.

स्तुति भावार्थ: महाप्रसाद जननी, सभी सौभाग्य को बढ़ाने वाली, रोगों का नाश करने वाली तुलसी माता को मेरा प्रणाम.

तुलसी गायत्री मंत्र: “ॐ तुलसीदेव्यै विद्महे, विष्णुप्रियायै धीमहि, तन्नो वृंदा प्रचोदयात्”

मान्यता है कि तुलसी गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत रहता है और सद्बुद्धि प्राप्त होती है.

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तुलसी स्तुति और नामाष्टक का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी स्तुति और तुलसी नामाष्टक का पाठ करने से भक्ति भाव बढ़ता है. इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली परेशानियां धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं.

कुल मिलाकर, तुलसी पूजन दिवस आस्था और श्रद्धा से जुड़ा पर्व है. इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा से घर-परिवार में सुख, शांति और सकारात्मकता बनी रहती है.

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