हेमंत शर्मा, इंदौर। साल 2019 में मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले हनीट्रैप केस की एंट्री एक बार फिर प्रदेश में हो गई है. हनीट्रैप केस की एंट्री कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार की गर्लफ्रेंड सोनिया भारद्वाज सुसाइड केस के रास्ते हुई है. जिसको लेकर प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने आ गई है. इस मामले को लेकर अब कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने का भी बयान सामने आ गया है. मंत्री ने कहा कि कमलनाथ के पास यदि हनीट्रैप से जुड़ी सीडी और पेन ड्राइव है तो मुख्यमंत्री रहते क्यों ओपेन नहीं किया.

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि उस समय वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, और मैं भी मंत्री था. उस समय कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को कोई नहीं रोक सकता था. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भ्रम फैलाने के लिए बयान दिया जा रहा है. कमलनाथ ने देश के लिए जो विचारधारा व्यक्त की है वह आपत्तिजनक है.

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बता दें कि उमंग सिंघार मामले में कांग्रेस अपने विधायक को बचाने के लिए सरकार को घेरने की कोशिश की थी. जिसको लेकर कमलनाथ ने कहा था कि सरकार ओछी राजनीति न करे वर्ना परिणाम ठीक नहीं होंगे, हनीट्रैप की पेनड्राइव हमारे पास भी है पर हमने हमेशा सदाचार की राजनीति की है.

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गौरतलब है कि हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने इस मामले में इंदौर की  अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि यह संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिये भोपाल लाई गई युवतियों के इस्तेमाल से धनवान लोगों और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था. फिर अंतरंग पलों के खुफिया कैमरे से बनाए गए वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था. उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ थे. उस समय कुछ ऐसी महिलाएं पुलिस के हत्‍थे चढ़ी थीं जिन्‍होंने प्रदेश के राजनेताओं, अफसरों और बिजनेसमैन सहित कई रसूखदारों को कथित जिस्‍मफरोशी के जरिए ब्‍लैकमेल किया था. वह कांड सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया था और सरकार ने इसके लिए विशेष जांच दल का गठन किया था. खबरें यह भी थीं कि मामले से जुड़ी सीडी में कथित तौर पर भाजपा व कांग्रेस से जुड़े कई बड़े नेताओं के भी नाम हैं.

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