दिल्ली। राजस्थान के सियासी रण में अब बसपा की भी एंट्री हो गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती की एंट्री के बाद राजस्थान का सियासी संग्राम बेहद दिलचस्प हो गया है।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राजस्थान के बसपा विधायकों को व्हिप जारी करते हुए विधायकों से कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व कुछ समय से आपकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है, जिसमें आप दलबदल के दोषी पाए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 102 और अनुच्छेद 191 और दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत आपकी गतिविधियां अयोग्य करार दी जाती हैं। व्हिप में विधायकों को राजनीतिक दलबदल पर भी झाड़ लगाई गई है।
दरअसल, पिछले साल सितंबर, 2019 में बसपा के छह विधायक लाखन सिंह, जोगेंद्र अवाना, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, राजेंद्र गुढ़ा और संदीप कुमार एकसाथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब बसपा ने इन विधायकों को व्हिप जारी कर मामला दिलचस्प बना दिया है। विधायकों को दसवीं अनुसूची का मतलब समझाते हुए पार्टी ने लिखा है, किसी पार्टी का विधानसभा  सदस्य तब अयोग्य हो जाएगा, अगर वह स्वैच्छिक तौर पर अपनी मूल पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है या पार्टी के निर्देश के बावजूद विधायक सदन में वोट से अनुपस्थित रहता है। ऐसे में यह साफ है कि आप सभी विधानसभा के सदस्य बने हुए हैं और आपकी सदस्यता बसपा से जुड़ी है। अब इन सदस्यों के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है।