बिहटा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आयोजित IEEE अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ऑन 6जी मोबाइल वायरलेस कम्युनिकेशन का शुभारंभ किया गया। दो दिवसीय संगोष्ठी 2 और 3 जून 2025 को आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य 6जी मोबाइल संचार तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक शोध, नवाचार और नीतिगत दृष्टिकोणों पर केंद्रित संवाद को प्रोत्साहित करना है।

तकनीकी क्षेत्र में लाएंगी क्रांति

संगोष्ठी का उद्घाटन आईआईटी पटना के निदेशक प्रो. टी. एन. सिंह, दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक बाबू राम, उप महानिदेशक डॉ. पराग अग्रवाल, सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के प्रो. सतीश शर्मा, तथा संगोष्ठी संयोजक डॉ. अमित कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान वक्ताओं ने कहा कि, अगली पीढ़ी की वायरलेस संचार प्रणालियाँ न केवल तकनीकी क्षेत्र में क्रांति लाएँगी, बल्कि भारत को डिजिटल रूप से समावेशी और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में भी सहायक सिद्ध होंगी।

डिजिटल इंडिया मिशन के लिए एक महत्त्वपूर्ण आधार

प्रो. टी. एन. सिंह ने आईआईटी पटना की उन्नत अनुसंधान क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, संस्थान 6जी, इंटेलिजेंट सरफेस, अत्याधुनिक एंटीना डिज़ाइन और रक्षा तथा अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर केंद्रित अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने संगोष्ठी संयोजक डॉ. अमित कुमार सिंह और उनकी टीम के शोध प्रयासों की सराहना की।

बाबू राम ने 6जी तकनीक की राष्ट्रीय विकास में भूमिका को रेखांकित करते हुए इसे डिजिटल इंडिया मिशन के लिए एक महत्त्वपूर्ण आधार बताया। वहीं डॉ. पराग अग्रवाल ने इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को सशक्त बनाने हेतु संचार मंत्रालय की प्रतिबद्धता दोहराई। डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि, 6जी तकनीकों के माध्यम से भविष्य में अत्यधिक उच्च गति की कनेक्टिविटी, इंटेलिजेंट सेंसिंग, रिमोट हेल्थकेयर, स्वायत्त प्रणालियाँ और अंतरिक्ष-पृथ्वी एकीकृत नेटवर्क जैसी क्रांतिकारी क्षमताएँ साकार की जा सकेंगी।

इस अवसर पर प्रोफेसर प्रीतम कुमार और विभागाध्यक्ष एस. शिवसुब्रमणि ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया और अपने विचार साझा किए। संगोष्ठी में तकनीकी सत्रों, पैनल चर्चाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें टीएचजेड कम्युनिकेशन, इंटेलिजेंट रिफ्लेक्टिंग सरफेस , ऑर्बिटल एंगुलर मोमेंटम वायरलेस नेटवर्क्स में एआई/एमएल, तथा स्पेस-एयर-ग्राउंड इंटीग्रेटेड नेटवर्क्स जैसे अत्याधुनिक विषयों पर गहन मंथन हो रहा है।

देशभर के 200 प्रतिभागियों ने लिया भाग

इस प्रतिष्ठित आयोजन में देशभर से लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया है, जिनमें सरकारी, औद्योगिक और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं। शोधकर्ताओं के लिए एक व्यावहारिक हैंड्स-ऑन सत्र का भी आयोजन किया गया है। संगोष्ठी का समापन 3 जून को होगा, जिसमें भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के अतिरिक्त सचिव एवं डिजिटल इंडिया निधि के प्रशासक नीरज वर्मा (आईएएस) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। यह संगोष्ठी IEEE, भारत 6जी एलायंस, सी-डैक, संचार मंत्रालय, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से आयोजित की जा रही है।

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