रायपुर. झारखंड के गुमला जिले में नए वर्ष में डायन के संदेह में प्रताड़ना की दो घटनाएं सामने आई है. जिनमें से एक महिला को डायन संदेह में परिवार सहित प्रताड़ित किया गया. उन सब पर पत्थरों से हमला किया गया, उसके बेटों को खंभे से बांध कर पीटा गया, जिसमें से एक बेटे की आंख फोड़ दी गई. वहीं दूसरी घटना में पालकोट ब्लॉक के टेंगरिया गांव में फूलकुमारी देवी नाम की महिला पर डायन का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने महिला को घेर लिया और महिला पर पथराव किया. डॉ मिश्र ने दोनों घटनाओं में शामिल दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

डॉ .दिनेश मिश्र ने बताया झारखंड के जिले गुमला सिसई थाना क्षेत्र के लकेया गांव में डायन के आरोप में एक परिवार के साथ मारपीट की गई और उनके दो बेटों को खंभे से बांध कर मार गया. जिसमें से एक युवक अजय उरांव की आंख फोड़ दी गई है. दोनों भाईयों को जान से मारने की कोशिश की गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित की बहन थाने पहुंची. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों भाईयों को मुक्त कराया.

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दूसरे बेटे संजय उरांव ने बताया कि पूर्व में भी डायन बिसाही का आरोप लगाकर परिवार के लोगों के साथ मारपीट की थी. इस घटना में बचाने पहुंचे परिजनों पर भी ग्रामीणों ने पत्थर बरसाए. उक्त महिला के एक बेटे संजय उरांव के अनुसार गांव की मुखिया सुगिया देवी ने उसकी माता को डायन प्रचारित कर रखा है और अक्सर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है.

गुमला जिले ही पालकोट प्रखंड के टेंगरिया गांव में उन्मादी भीड़ फूलकुमारी देवी नाम की महिला के घर में घुस गई. डायन का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने महिला को घेर लिया. महिला पर पथराव करना शुरू कर दिया. कुछ लोग धारदार हथियार लेकर पहुंचे थे. अपनी जान बचाकर महिला किसी तरह भाग निकली. परिवार के दूसरे सदस्यों ने भी भाग कर जान बचाई. जानकारी के अनुसार पालकोट के टंगरिया के काष्टु नायक के घर रिश्तेदारी में आई एक बच्ची बीमार हो गई. बच्ची का इलाज कराने की बजाए ओझा को दिखाया गया.

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ओझा ने उन्हें बताया कि गांव में रहने वाली महिला ने बच्ची पर टोना-टोटका किया है. इससे नाराज काष्टु नायक गांव के लोगों के साथ फूलकुमारी के घर पहुंच गया. उसे घर से बाहर बुलाने लगे और कुछ लोग घर में घुस गए. महिला और उसके घर पर पथराव शुरू कर दिया.

डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा टोने का कोई अस्तित्व नहीं है, इसलिए जादू टोने से किसी भी व्यक्ति को बीमार करने, नुकसान पहुंचाने की धारणा मिथ्या है. इस अंधविश्वास के कारण किसी भी महिला को प्रताड़ित करना अनुचित, गैरकानूनी है. कोई महिला डायन/ टोनही नहीं होती. डायन टोनही के संदेह में हुई प्रताड़ना के लिए दोषी व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए. ग्रामीणों को किसी भी अंधविश्वास में पड़कर कानून अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए.