शिवा यादव, सुकमा. जिले के एनएच 30 में बाल मजदूरी कर रहे दो बाल श्रमिकों की रात मौत हो गई. मामला कुरती स्थित ठेकेदार के प्लांट में बाल श्रमिक काम कर रहे थे. मिली जानकारी के मुताबिक दोनों बाल श्रमिकों की देर रात अचानक तबियत खराब हो गई. जिसके कारण दोनों बाल श्रमिकों की प्लांट में मौत हो गई. हालांकि मौत के कारण का पता नहीं चल पाया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में ले लिया है.

सरकार जहां बाल श्रमिकों पर प्रतिंबध लगा रही है. वहीं ठेकेदार कानून की धज्जियां उड़ाते हुए कम दाम में बाल श्रमिकों से मजदूरी करा रहे है.  बाल श्रमिकों की मौत के बाद प्लांट में हंगाम कर रहे श्रमिकों के द्वारा पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंच कर शव को जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां दोनों का पोस्ट मार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है. वहीं प्लांट में काम कर रहे श्रमिकों का कहना है कि दोनों बाल श्रमिकों के तबियत बिगड़ने की सूचना ठेकेदार को दी गई, मगर ठेकेदार के द्वारा ध्यान नहीं दिया गया. यदि फौरन ही स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचा दिया जाता तो, जान बचाई जा सकता थी.

प्रशासन की लापरवाही 

एनएच 30 में चल रहे काम की निगरानी और जांच में जाने वाले अधिकारियों के द्वारा लापवाही का मामला सामने आया है. वहीं प्लांट नें काम कर रहे श्रमिकों ने बताया कि जांच के लिए आने वाले अधिकारियों के सामने बाल श्रमिक काम कर रहे थे. जिसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. कलम और पुस्तक थामने वालों मासूम के मौत का जिम्मेदार कौन होगा.

मौत का कारण अज्ञात

अकारण हुई बाल श्रमिकों के मौत का रहस्य अभी भी बरकारार है. वहीं प्रशासन का कहना है कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारण का पता चल सकेगा. बता दें कि बाल श्रमिकों से प्लांट संचालकों के द्वारा कठिन परिश्रम करवाने की भी बात सामने आ रही है. वहीं घटना के बाद ठेकेदार द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है. साथ ही जिम्मेदार अधिकारी भी इस बात से किनारा काट रहे है.